लिंग किसे कहते हैं?और लिंग निर्धारण के नियम क्या है?
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका Hindi-khabri.in में. दोस्तों आज की जानेंगे कि लिंग किसे कहते हैं और लिंग निर्धारण के नियम क्या है, लिंग कितने प्रकार के होते हैं? हिंदी व्याकरण में लिंग बहुत ही महत्वपूर्ण एक टाँपिक है जिसे संज्ञा का हिसा माना जाता है लेकिन बहुत से लोग इसे विस्तार से नहीं जानते हैं तो चलिए दोस्तों हम अपने इस आर्टिकल में जानते हैं कि लिंग किसे कहते हैं-
लिंग किसे कहते हैं?
‘लिंग‘ शब्द का शाब्दिक अर्थ चिन्ह होता है। अर्थात शब्द के जिस रुप से यह पता चले कि वर्णित वस्तु या व्यक्ति पुरुष जाति का है या स्त्री जाति का उसे लिंग कहते हैं। लिंग के द्वारा संज्ञा, सर्वनाम,विशेषण आदि शब्दों की जाति का बोध होता है।
लिंग के प्रकार
हिंदी के व्याकरण में लिंग के दो प्रकार होते हैं-पुल्लिंग और स्त्रीलिंग।
पुल्लिंग- शब्द के जिस शब्द के जिस रूप में यह पता चले कि वर्णित वस्तु पुरुष जाति क्या है तो उसे पुल्लिंग शब्द कहलाते हैं।
जैसे-राम,घोड़ा,बुढ़ापा,बचपन आदि
स्त्रीलिंग- शब्द के जिस शब्द के जिस रुप से हमें यह पता चले कि वर्णित वस्तु यदि स्त्री जाति का है तो उसे स्त्रीलिंग शब्द कहलाते हैं।
जैसे-नदी,हाथी,कविता आदि
हिंदी में लिंग निर्धारण के नियम
हिंदी में लिंग निर्धारण से तात्पर्य है कि हम कैसे पता करें कि वर्णित की गई वस्तु पुल्लिंग है या स्त्रीलिंग। हिंदी व्याकरण में लिंग निर्धारण के तीन नियम हैं-
1 रूप के आधार पर
2 प्रयोग के आधार पर
3 अर्थ के आधार पर
1 रूप के आधार पर
रूप के आधार पर लिंग निर्णय का तात्पर्य है कि -शब्द की व्याकरणिक बनावट। शब्द की रचना में किन प्रत्ययो का प्रयोग हुआ है तथा शब्दान्त में कौन-सा स्वर है इसे आधार बनाकर शब्द के लिंग का निर्धारण किया जाता है।जैसे-
(1) पुलिंग शब्द
अकारांत,आकारांत शब्द प्रायः पुलिंग होते हैं।जैसे-घोड़ा,कपड़ा, घड़ा,समुंद्र,राम,सूर्य,क्रोध आदि।
जिन भाववाचक संज्ञा के अंत में त्व,व,य होता है, वे प्रायः पुल्लिंग होते हैं जैसे गुरुत्व,गौरव,शौर्य आदि।
जिन शब्दों के अंत में पा,पन,आव,आवा,खाना शब्द जुड़े होते हैं, बेबी प्रायः पुलिंग ही होते हैं। जैसे-पागलखाना,गंजापन,बचपन,मोटापा,बुलावा,घुमाव आदि
(2) स्त्रीलिंग शब्द
आकारांत शब्द स्त्रीलिंग होते हैं जैसे-लता,रमा,ममता।
इकारान्त शब्द भी स्त्रीलिंग शब्द होते हैं जैसे रीति,तिथि,हानी (किंतु इसके अपवाद भी है- कवि,कपि,रवि पुलिंग शब्द हैं)
ईकारान्त शब्द भी प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं जैसे नदी,रोटी,टोपी ( किंतु इसके भी अपवाद हैं हाथी,दही, पानी पुलिंग है)
आई,इया,आवट,आहट,ता,इमा प्रत्यय वाले शब्द स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे लिखाई,डिबिया, मिलावट,घबराहट,महिमा।
2 प्रयोग के आधार पर लिंग निर्धारण
प्रयोग के आधार पर लिंग निर्णय के लिए संज्ञा शब्द के साथ प्रयुक्ति विशेषण, कारक चिन्ह एवं क्रिया को आधार बनाया जा सकता है। जैसे-
मनीष की पुस्तक मनीष का चाकू (यहां पुस्तक से पहले की है, अतः पुस्तक स्त्रीलिंग है। तथा चाकू से पहले का है, अतः यह पुलिंग है।)
अंजलि ने रोटी खाई। (रोटी और क्रिया दोनों स्त्रीलिंग)
मनीष ने आम खाया। (आम और क्रिया दोनों पुल्लिंग)
3 अर्थ के आधार पर लिंग निर्धारण
कुछ शब्द अर्थ की दृष्टि से समान होते हुए भी लिंग की दृष्टि से अलग होते हैं। उनका उचित एवं सम्यक प्रयोग करना चाहिए। जैसे-
पुल्लिंग | स्त्रीलिंग |
नेता | नेत्री |
विद्वान | विदुषी |
कवि | कवयित्री |
लेखक | लेखिका |
महान | महती |
साधु | साध्वी |
इन सभी शब्दों का सही प्रयोग करने पर ही शुद्ध वाक्य बनता है। जैसे-
1 आपकी महान कृपा होगी-अशुद्ध वाक्य
आपकी महती कृपा होगी-शुद्ध वाक्य
2 वह एक विद्वान लेखिका है- अशुद्ध वाक्य
वह एक विदुषी लेखिका हैं- शुद्ध वाक्य
वाक्य रचना में लिंग संबंधी अनेक अशुद्धियां होती हैं। सजग एवं सचेत रहकर ही इन अशुद्धियों का निराकरण हो सकता है।
इस लेख के बारे में-
तो दोस्तों आज हमने जाना की लिंग किसे कहते हैं और लिंग निर्धारण के नियम के बारे में जाना है। हिंदी व्याकरण तथा अन्य जानकारी के लिए हमारे वेबसाइट पर बने रहें।