अब्बासी क्रांति क्या है?
नमस्कार दोस्तों आप सभी लोगों का Hindi-khabri.in में आप सभी लोगों का स्वागत है दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि अब्बासी क्रांति क्या है, आदि के बारे में इस आर्टिकल के माध्यम से हम लोग जानने वाले हैं तू दोस्तों आइए हम बिना देर किए जानते हैं कि अब्बासी क्रांति क्या है-
अब्बासी क्रांति क्या है?
मुस्लिम राजनैतिक व्यवस्था के केंद्रीकरण की सफलता के लिए उमय्यद वंश को भारी कीमत चुकानी पड़ी।दवा नामक एक सुनियोजित आंदोलन ने उमय्यद वंश को उखाड़ फेंका।750 में इस वंश की जगह अब्बासियों ने ले ली जो मक्का के ही थे।अब्बासियों ने उम्मयद शासन को दुष्ट बताया और यह दावा किया कि वे पैगंबर मोहम्मद के मूल इस्लाम की पुनर्स्थापना करेंगे। इस क्रांति से केवल वंश का ही परिवर्तन नहीं हुआ बल्कि इस्लाम के राजनीतिक ढांचे और उसकी संस्कृति में भी बदलाव आए।
अब्बासियों का विद्रोह खुरासान (पूर्वी ईरान) के बहुत दूर स्थित क्षेत्र में प्रारंभ हुआ,जहां पर दमिश्क से बहुत तेज दौड़ने वाले घोड़े से 20 दिन में पहुंचा जा सकता था।खुरासान में अरब- ईरानियों की मिली-जुली आबादी थी जिसे विभिन्न कारणों से एकजुट किया जा सका। यहां पर अरब सैनिक अधिकांशतः इराक से आए हुए थे और वे सीरियाई लोगों के प्रभुत्व से नाराज थे। खुरासान के अरब नागरिक उम्मयद शासन को इसलिए नापसंद करते थे कि उन्होंने करो में रियायतें और विशेषाधिकार देने के जो वायदे किए थे,वे पूरे नहीं किए गए थे।जहां तक ईरानी मुसलमानों (मवालियों) का संबंध है,उन्हें अपनी जातीय चेतना से ग्रस्त अरबों के तिरस्कार का शिकार होना पड़ा था और वे उमय्यदो को बाहर निकालने के किसी भी अभियान में शामिल होने के इच्छुक थे।
अब्बासियों ने जो पैगंबर के चाचा अब्बास के वंशज थे,विभिन्न असहमत समूहों का समर्थन प्राप्त कर लिया और यह वचन देकर कि पैगंबर के परिवार (अहल अल-बयत) का कोई मसीहा (महदी) उन्हें उमय्यदो के दमनकारी शासन से मुक्त कराएगा,सत्ता प्राप्त करने के अपने प्रयास को वैध ठहराया। उनकी सेना का नेतृत्व एक ईरानी गुलाम अब्बू मुस्लिम ने किया, जिसने अंतिम उमय्यद खलीफा, मारवान,को जब नदी पर हुई लडाई में हराया। अब्बासी शासन के अंतर्गत, अरबों के प्रभाव में गिरावट आई,जबकि ईरानी संस्कृति का महत्व बढ़ गया। अब्बासियों ने अपनी राजधानी प्राचीन ईरानी महानगर टेसीफोन के खंडहरों के निकट , बगदाद में स्थापित की।
इराक और खुरासान की अपेक्षाकृत अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सेना और नौकरशाही का पुनर्गठन गैर- कबीलाई आधार पर किया गया। अब्बासी शासकों ने खिलाफत की धार्मिक स्थिति और कार्यों को मजबूत बनाया और इस्लामी संस्थाओं और विद्वानों को संरक्षण प्रदान किया। लेकिन सरकार और साम्राज्य की जरूरतों ने उन्हें राज्य के केंद्रीय स्वरूप को बनाए रखने के लिए मजबूर किया। उन्होंने उमय्यदो के शानदार शाही वास्तुकला और राजदरबार के व्यापक समारोहों की परंपराओं को बराबर कायम रखा।जिस शासन को पहले इस बात पर गर्व था कि उसने राजतंत्र को समाप्त कर दिया है उसे ही राजतंत्र को फिर से स्थापित करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
निष्कर्ष
दोस्तों आपने आज के इस आर्टिकल में जाना कि अब्बासी क्रांति क्या है और आदि के बारे में इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना है दोस्तों मैं आपसे आशा करता हूं कि अब्बासी क्रांति क्या है यह आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा। कृपया आप अपने दोस्तों के साथ इसे जरूर शेयर करें।