हिमाचल प्रदेश के प्रमुख त्योहार
नमस्कार दोस्तों आप सभी लोगों का Hindi-khabri.in में आप सभी लोगों का स्वागत है दोस्तों आज के इस नए आर्टिकल में हम सभी लोग जानने वाले हैं हिमाचल प्रदेश के प्रमुख त्योहार के बारे में जानने वाले हैं इस आर्टिकल में हम लोग जानेंगे तो दोस्तों लिए बिना देर किए हम हिमाचल प्रदेश के प्रमुख त्योहार,हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध त्योहार, हिमाचल प्रदेश के त्योहारों के नाम (Festival of Himachal Pradesh in Hindi,Famous Festival of Himachal Pradesh,Himachal Pradesh Festival Name) आदि के बारे में इस आर्टिकल में हम लोग जाने वाले हैं।
हिमाचल प्रदेश के Famous त्योहार-हिमाचल प्रदेश भारत देश का एक ऐसा राज्य है जहां पर अलग-अलग प्रकार के समुदायों और जनजातियों के लोग पूर्ण सद्भाव में एक साथ रहते हैं और प्रकृति के उपहार के साथ तालमेल को बनाए रखते हैं भाव परिदृश्य के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश के कई प्रकार के रंगीन त्यौहार भी है जो दुनिया भर के यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। हिमाचल प्रदेश के त्यौहार संस्कृति धर्म और मौसम से जुड़े होते हैं और हिमाचल प्रदेश में के यहां के लोग हर त्यौहार को अपनी अपनी परंपरा से मनाते हैं और बड़े ही धूमधाम के द्वारा सभी त्योहारों को मानते हैं|
भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में किसी भी त्यौहार के समय अपनी विवाहित बेटियों को त्यौहार के समय अपने घर पर बुलाने का भी एक रिवाज है हिमाचल प्रदेश में मनाया जाने वाले विभिन्न प्रकार के निम्नलिखित त्यौहार है जो नीचे बताया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश के प्रमुख त्यौहार
फागुली का त्यौहार
बसंत पंचमी के दिन फागुली का त्योहार किन्नौर जिले में फरवरी और मार्च के महीने में मनाया जाता है इस त्यौहार के दिन लोग कागज पर बने रावण के चित्र को अपने धनुष से निशाना लगाते हैं जिसे लंका मारना या लंका दहन कहते हैं।
बूढी दिवाली का त्यौहार
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में दिवाली के समय में दिवाली के 1 महीने पहले से ही बुद्धि दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है इस दिन बलराज को जलाया जाता है इस दिन वहां के लोग स्थानी लोग शाम को आग जलाकर आग के पास इकट्ठा होकर रामायण और महाभारत को गाते हुए नाचते हैं और इसी समय देवताओं और राक्षसों के बीच युद्ध का अभिनय किया जाता है जिसमें देवताओं को विजई दिखाया जाता है।
फूलैच का त्यौहार
फूलैच का त्योहार हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले का बहुत ही प्रसिद्ध त्योहार माना जाता है फ्लेक्स का त्योहार फूलों के रूप में मनाया जाता है फूलैच के त्यौहार को उख्याग के नाम से भी जाना जाता है।
बैसाखी का त्यौहार
यह त्यौहार बैसाखी का किसानों के फसलों से जुड़ा हुआ है जो की हिमाचल प्रदेश बैसाखी के त्यौहार को अलग-अलग नाम से भी जाना जाता है जैसे की सिरमौर में विश्व कांगड़ा में भी शोभा किनारो में 20 और चंबा पाली में निशु नाम से यह त्यौहार बैसाखी का प्रसिद्ध है बैसाखी के दिन हिमाचल प्रदेश के लोग अलग-अलग जिलों में जाकर नहाते हैं और इस दिन मंडी के लोग रिवालसर एवं पराशर झील में बिलासपुर के लोग मारकंडा में कांगड़ा के लोग बांगना और शिमला के लोग तथा पानी एवं गिरी गंगा तीर्थ स्थान में जाकर स्नान करते हैं और इस दिन शिमला और सिरमौर जिले में माला नृत्य भी किया जाता है।
चेरवाल का त्यौहार
इस त्यौहार में हिमाचल प्रदेश के लोग आज का त्यौहार शिरवाल त्यौहार के को अगस्त माह के महीने में मनाया जाता है और शिरवाल त्यौहार में लोग जीने की पूजा करते हैं और चिड़े के ही गीत को गए जाते हैं प्रथम असूज को छूने से उतर कर गोबर के ढेर पर फेंक दिया जाता है जहां से उसे खेतों में लाया जाता है इससे पृथ्वी की पूजा के नाम से भी जाना जाता है और कुल्लू में इस त्यौहार को बदरा जो और चंबा में इस त्यौहार को पत्रों के नाम से पुकारते हैं इस त्यौहार पर पतरोडू (अरबी के पत्ते) के पकवान को भी बनाए जाते हैं।
हरियाली का त्यौहार
हरियाली के त्यौहार को वर्षा ऋतु के समय में मनाया जाता है और इस लाहौल में इस त्यौहार को शैगतरेम जुब्बल एवं किन्नौर में दशनैन कांगड़ा में हरियाली और शिमला में रहयाली के नाम से पुकारा जाता है लाहौल में इस दिन सत्तू और घी के टोटू बनाकर उन्हें गेफान (गुरु घण्टाल ) को अर्पित किया जाता है।
जागरा का त्यौहार
जागरा का त्योहार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन महासू देवता के सम्मान में लोग व्रत(उपवास) रखते हैं और रात भर चलने वाली इस पूजन में लोग किसी भी देवता के प्रति भक्ति में गीत गाए जाते हैं और महासू देवता की प्रशंसा में बीसू गीत को भी गाए जाते हैं। जागरा के त्यौहार को भादो के महीने में सिरमौर,शिमला और किन्नौर क्षेत्र में महासू देवता की याद में लोग मनाते हैं।
शायर का त्यौहार
शहर का त्योहार कांगड़ा घाटी क प्रमुख त्यौहार माना जाता है।इस त्यौहार को औसउज के पहले दिन ही मनाया जाता हैं।और इस दिन वर्षा की समाप्ति मानी जाती है इस मौके पर मक्का की फसल पककर तैयार हो जाती है गद्दी लोग इस त्यौहार को मनाने के बाद निकली घाटियों में वापस की ओर चले जाते हैं और शिमला की पहाड़ियों के नाई गांव के अमीर लोगों को शीशा दिखाते हैं और अमीर लोग उन्हें इनाम देते हैं।
रक्षाबंधन का त्यौहार
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं रक्षाबंधन का त्यौहार हर साल अगस्त महीने में ही मनाया जाता है और इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों को कलाई पर राखी बांधती है।रक्षाबंधन को शिमला में रक्षा पुण्या,मण्डी और सिरमौर में सलोंनू और बिलासपुर में रखिनुआ कहा जाता है।और इस त्यौहार को समूचे पूरे भारत देश में ही मनाया जाता है।
शिवरात्रि का त्यौहार
प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि का त्योहार फरवरी महीने में मनाया जाता है। फरवरी महीने के कृष्ण पक्ष के 14 दिन शिवरात्रि का त्यौहार को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और शिवजी का पूजा करती हैं शिवरात्रि के दिन शिव जी के पिंडी पर लोग दूध,बेर और बेल के पत्ते को चढ़ाते हैं।
गोची का त्यौहार
मुख्य रूप से गोची का त्यौहार को चंद्रभागा के घाटी लाहौर में मनाया जाता है गुची के त्यौहार को तब मनाया जाता है जब किसी के घर में 1 साल पहले किसी भी पुत्र का जन्म हुआ होता है और उन घरों में गोची के त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है यह त्यौहार एक प्रकार का पुत्र जन्म त्यौहार के रूप में भी माना जाता है।
साजो का त्यौहार
साजो के त्यौहार को फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है या यह त्यौहार मार्च के महीने में मनाया जाता है साजो के त्यौहार के दिन देवता मंदिर से इंद्रलोक चले जाते हैं इस दिन मंदिर के द्वार को बंद कर दिए जाते हैं और साजो त्यौहार को देवताओं की विदाई का त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है या कहते हैं।
खोजाला का त्यौहार
दीपावली के त्यौहार को लाहौल के निवासी लोग जनवरी के महीने में मनाया जाता है जिसे की वहां के निवासी लोग इसे खोजाला कहते हैं।हिमाचल प्रदेश के ऊपरी यानी की पहाड़ी इलाकों के सभी लोग इसे ‘गेफान’ और ‘ब्रजेश्वरी देवी’ के नाम पर देवदार की पत्तियों को आग में डालते हैं इस दिन हिमाचल का मशहूर पकवान बगरू को भी हर घर में बनाया जाता है।
हिमाचल विंटर कार्निवाल
यह त्यौहार हिमाचल प्रदेश में 2 जनवरी से 6 जनवरी तक प्रत्येक साल आयोजित किया जाने वाला हिमाचल विंटर कार्निवल हिमाचल प्रदेश के सबसे आकर्षक त्योहारों में से एक माना जाता है इस त्यौहार में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में पर्यटक लोग भी शामिल होते हैं। मनाली विंटर कार्निवाल के रूप में भी लोकप्रिय त्यौहार शुरू में वर्ष 1977 में सोलंग नाला में एक स्कीइंग प्रतियोगिता के रूप में इसका शुरुआत हुआ था।
स्थापना के लगभग आदि शताब्दी के बाद के वर्षों तक में आयाम और संस्कृति के कार्यक्रम जुड़ते रहे जिससे पर्यटकों को हिमाचली संस्कृति के यादगार अनुभव प्राप्त होते रहे प्रतिष्ठित स्क्रीन प्रतियोगिताओं के अलावा यहां के लोग संस्कृति नुक्कड़ नाटक को हिमाचली व्यंजनों स्थानीय बैंक शासित खेलो और अन्य प्रकार के खेलकूद और महिमा में झूमते और नाचते गाते रहते हैं।
प्राकृतिक आनंद के अलावा हिमाचल प्रदेश के रंगीन त्यौहार हिमाचल प्रदेश इसकी खूबसूरती को और भी ज्यादा बढ़ा देते हैं। आप इस बात से तो सहमत ही होंगे कि हिमाचल प्रदेश का सुंदर राज्य न केवल प्रकृति के प्रेमियों और रोमाच के दीवाने लोगों को आकर्षित करता है बल्कि विभिन्न संस्कृति और परंपराओं को जानने वाले लोगों को भी आकर्षित करता है।
चैतरूल का त्यौहार
चंद्र गणना के अनुसार ‘चैत्र’ अप्रैल का महीना वर्ष का पहला महीना होता है इस दिन ‘ढाक और तुरी’ जाति के लोग नववर्ष के गीत गाते हुए गांव-गांव जाते हैं और भरमौर में इस त्यौहार को ‘ढोलरू’ सिरमौर में चैतरुल और कुल्लू में ‘चतराली या चतरा’ कहते हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों हम आपसे यह उम्मीद करते हैं कि आप सभी लोगों को हिमाचल प्रदेश के प्रमुख त्योहार के बारे में समझ आ गया होगा।यदि आप सभी लोगों को हिमाचल प्रदेश के प्रमुख त्योहार इससे जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप सभी लोग हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।यदि आप सभी लोगों को यह पोस्ट हमारी अच्छी लगी हो तो इस जानकारी को आगे शेयर जरूर करें।
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