सुश्रुत का जीवन परिचय
नमस्कार दोस्तों आप सभी लोगो का Hindi-khabri.in मे आप सभी लोगो का स्वागत है। दोस्तो आज के इस आर्टिकल मे हम सुश्रुत का जीवन परिचय के बारे में जानने वाले है दोस्तो आइए हम बिना देर किए जानते है सुश्रुत का जीवन परिचय के बारे में
सुश्रुत का जीवन परिचय
सुश्रुत का जीवन परिचय-सुश्रुत का जन्म 600 वर्ष ईसा पूर्व हुआ था वह वैदिक कृषि विश्वविद्यालय के वंशज कहलाते थे उन्होंने वाराणसी स्थित देवदास धनवंतरी आश्रम में बैठक एवं शैलेश किस्सा का ज्ञान प्राप्त किया था इससे वह अनेक बैठक शाखों में पारंगत हो गए थे क्रिया का ज्ञान प्राप्त करने वाले हुए प्रथम भारतीय वेद थे उन्हें मूत्र नली में पाए जाने वाले सूचना पत्थर पथरी निकालने हड्डियां जोड़ने के अलावा मोतियाबिंद की सैलरी चिकित्सा का भी पूर्ण ज्ञान था उन्होंने चिकित्सकों को यह भी सलाह दी थी कि वे शल्य क्रिया करने से पूर्व उपकरणों को गर्म करें इससे उनमें लगे कीटाणु मर जाते हैं।
अनोखे सुझाव एवं परीक्षण
सुश्रुत का एक अनोखा सुझाव यह भी था कि मरीज को ऑपरेशन से पहले मदिरा पिलाई जाए।उन्होंने सुश्रुत संहिता में 101 विभिन्न उपकरणों का जिक्र किया है।उनके ये यंत्र आधुनिक सर्जन के स्प्रिंग फारसेप्स या काटने व पट्टी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फारसेप्स अथवा चिमटियो के पूर्व रूप है। इन उपकरणों में ऐसी चिमटियां है जिनकी शक्लें जानवरों और पक्षियों से मिलती हैं।अतः उनके नाम भी उन पक्षी और जानवरों के नाम पर रखे गए हैं, जैसे-क्रोकोडाइल फारसेप्स।सुश्रुत अपने समय के वैज्ञानिक तो थे ही कुशल अध्यापक भी थे।
उनका शिष्यों से कहना था-‘जिस वैद्य के सिद्धांत और अभ्यास ज्ञानरहित है।वह कभी सफल वैद्य नहीं हो सकता।’उनकी शल्य चिकित्सकों को राय थी कि उन्हें मृत जानवरों पर शल्य चिकित्सा का अभ्यास शुरू करना चाहिए। उन्होंने व्यक्ति के शरीर में रहने वाले कीड़ों का वर्गीकरण किया था। साथ ही जड़ी-बूटी, रासायनिक अम्लों एवं धातुओं के गुणों के बारे में भी नए परीक्षण किए थे,जो कि वर्तमान चिकित्सकों के पथ-प्रदर्शक बने हुए हैं।
सुश्रुत की अनोखी शल्य चिकित्सा पद्धति
एक बार की बात है सुश्रुत अपने बिस्तर की ओर सोने को बढ़े थे। कमरे में दीया बुझने पर अंधेरा छा गया था।अचानक ही किसी व्यक्ति ने उनका दरवाजा खटखटाया। सुश्रुत ने पूछा-‘भाई कौन हो जो इस समय आए हो?’
बाहर से एक व्यक्ति कराहता हुआ बोला- ‘वैद्यजी, मैं एक यात्री हूं, मुझे चोट लग गई है,कृपया आप मेरी चिकित्सा कर दे,मैं आपका ऋणी रहूंगा।’
यह सुनकर सुश्रुत ने अपना दीया जलाया और दरवाजा खोलकर बाहर की ओर देखा तो उनके सामने एक आदमी बुरी तरह कराह रहा था,उसकी नाक से खून टपक रहा था।सारे कपड़े खून से सने थे।लगता था कि उसकी नाक कट गई थी।उसकी हालत को देखकर सुश्रुत ने एक पल भी न गंवाया।उन्होंने उसे अपने कमरे में बैठा दिया और कहा-‘घबराओ नहीं सब ठीक हो जाएगा।’
सुश्रुत के शल्य चिकित्सा के उपकरण
इसलिए उनके कमरे में उपकरण मौजूद थे।जल्द ही उन्होंने उसके गंदे कपड़े उतारकर मुंह-हाथ धुलाए और फिर उसे एक गिलास औषधि के रूप में मदिरा पिला दी।उन्होंने पास में लगी बेल से एक लंबा पता लिया,फिर उसके नाक की लंबाई नापी।उन्होंने एक चाकू और चिमटी को गर्म किया|उन पर जमे कीटाणु नष्ट हो गए। फिर उन्होंने उस व्यक्ति के गाल से कुछ मांस लिया और उस पर पट्टी बांध दी।इसके बाद उन्होंने नाक में दो नलियां डाली और गाल के कटे हुए मांस को दवाइयों के साथ नाक पर लगा दिया।
इसके बाद नाक पर घुघची तथा लाल चंदन का चूर्ण छिड़क दिया,फिर उस पर दारू हल्दी का रस तथा रूई लगा दी।उन सबके ऊपर सुश्रुत ने तिल का तेल छिड़का और फिर नाक पर पट्टी बांध दी।उन्होंने उस व्यक्ति से कहा कि कागज में लिखी जड़ी-बूटियां नियमित लेने से जल्द लाभ होगा।उस व्यक्ति को एक सप्ताह बाद चिकित्सा जांच के लिए बुलाया था।अब वह व्यक्ति निरोग था।इस प्रकार सुश्रुत ने कटी हुई नाक को ठीक किया था।यह घटना 26 शताब्दी पूर्व की थी।सुश्रुत की प्राचीन शल्य चिकित्सा पद्धति ने वर्तमान में ‘प्लास्टिक सर्जरी’ का रूप ले लिया है,जिसका मुख्य आधार ‘सुश्रुत संहिता’ को ही कहा जाएगा।
भारतीय चिकित्सा विज्ञान प्रणाली बहुत पुरातन है, जिसे संभवतः सुश्रुत ने ही विकसित किया था।इसलिए भारत चिकित्सा ज्ञान में संपूर्ण देशों से अग्रणी रहा है।उनकी सुश्रुत संहिता नामक पुस्तक का आठवीं शताब्दी में अरबी भाषा में अनुवाद किया गया। इन पुस्तकों के नाम है-‘किताब शा शून-ए- हिंदी’ तथा ‘किताबें-सुसुरद’। यद्यपि वैद्य,अध्यापक,विचारक एवं वैज्ञानिक सुश्रुत जीवित नहीं है,परंतु ये पुस्तके वैद्य व वैज्ञानिकों का सही मार्गदर्शन करती रहेगी।
निष्कर्ष
दोस्तों हम आपसे यह उम्मीद करते हैं कि आप सभी लोगो को सुश्रुत का जीवन परिचय के बारे में समझ आ गया होगा।यदि आप सभी लोगो को इससे जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप सभी लोग हमे कमेंट बॉक्स मे जरूर बताए। यदि आप सभी लोगो को यह पोस्ट हमारी अच्छी लगी हो तो इस जानकारी को आगे शेयर जरूर करें।