भूकंप किसे कहते हैं? प्रकार, प्रभाव और कारण,भूकंपीय तरंगे
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका Hindi-khabri.in में। दोस्तों आज के इस एक नए आर्टिकल में हम जानेंगे कि भूकंप किसे कहते हैं? भूकंप के प्रकार, प्रभाव और कारण और भूकंपीय तरंगे के बारे में इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानने वाले हैं तो दोस्तों आइए हम बिना देर किए जानते हैं कि भूकंप किसे कहते हैं-
भूकंप किसे कहते हैं?
साधारण भाषा में भूकंप का अर्थ होता है-पृथ्वी का कंपन। यह एक प्राकृतिक घटना होती है। उर्जा के निकलने के कारण तरंगे उत्पन्न होती हैं जो सभी दिशाओं में फैल कर भूकंप लाती हैं।
दूसरी भाषा में भूकंप को परिभाषित किया जा सकता है जब पृथ्वी की सतह का एक हिस्सा पिक्चर और ऊपर नीचे की ओर बढ़ने लगता है तो पृथ्वी की सतह पर झटके महसूस होते हैं इसी को भूकंप के नाम से जाना जाता है भूकंप का अर्थ यह भी हो सकता है कि पृथ्वी में कंपन होता है।
पृथ्वी में कंपन क्यों होता है?
प्रायः भ्रशः के किनारे-किनारे ही ऊर्जा निकलती है भूपर्पटी की शैली में गहन दरारे ही भ्रंश होती हैं भ्रशः के दोनों तरफ शैले अपने विपरीत दिशा की ओर गति करती हैं जहां ऊपर के शैलखड उनके ऊपर दबाव डालते हैं उनके आपस का घर्षण उन्हें परस्पर बांधे रहता है।फिर भी अलग होने की प्रवृत्ति के कारण एक समय पर घर्षण का प्रभाव कम हो जाता है जिसके परिणाम स्वरूप शैलखंड विकृत होकर अचानक एक दूसरे के विपरीत दिशा में सरक जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप ऊर्जा निकलती है और ऊर्जा तरंगे सभी दिशाओं में गतिमान होती हैं।
उद्गम केंद्र(Focus) किसे कहते हैं?
वह स्थान जहां से ऊर्जा निकलती है भूकंप का उद्गम केंद्र(Focus) कहलाता है। इसे अवकेंद्र (Hypocentre) भी कहा जाता है।
ऊर्जा तरंगे अलग-अलग दिशाओं में गति चलती हुई पृथ्वी की सतह तक पहुंचती है। भूतल पर वह बिंदु जो उद्गम केंद्र के समीपतम होता है अधिकेंद्र (Epicentre) कहलाता है।अधिकेंद्र उद्गम केंद्र के ठीक ऊपर( 90• के कोण पर) होता है।
भूकंप कितने प्रकार के होते हैं?
सामान्यतः विवर्तनिक (Tectonic) भूकंप
यह भूकंप का सबसे सामान्य रूप होता है। टेक्टोनिक भूकंप अधिक आते हैं यह भूकंप भ्रंशदल के किनारे चट्टानों के सरक जाने के कारण उत्पन्न होते हैं।
ज्वालामुखी भूकंप
विवर्तनिक भूकंप की तुलना में इस प्रकार का भूकंप कम सामान्य होता है। एक विशिष्ट वर्ग के विवर्तनिक भूकंप कोई ज्वालामुखीज्नय भूकंप समझा जाता है।यह भूकंप अधिकांशतः सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों तक ही सीमित रहते हैं।
नियात (Collapse)भूकंप
खनन क्षेत्रों में कभी-कभी अत्यधिक खनन कार्य से भूमिगत खानों की छत ढह जाती है जिससे हल्के झटके महसूस किए जाते हैं इन्हें नियात (Collapse)भूकंप कहा जाता है।
विस्फोट (Explosion) भूकंप
तीन प्रकार का भूकंप की टीम प्रकृति का होता है इसका अर्थ होता है कि यह मानव निर्मित गतिविधियों के द्वारा उत्पन्न होता है। कभी-कभी परमाणु व रासायनिक विस्फोट से भूमि में कंपन होती है इस तरह के झटकों को विस्फोट (Explosion) भूकंप कहते हैं।
बाँध जनित(Reservoir induced) भूकंप
भूकंप बड़े बांध वालें क्षेत्रों में आते हैं उन्हें बाँध जनित(Reservoir induced) भूकंप कहा जाता है।
भूकंपों की माप
भूकंप की घटनाओं का मापन भूकंप की तीव्रता के आधार पर आघात की तीव्रता के आधार पर किया जाता है। भूकंपीय तीव्रता की मापनी ‘रिक्टर स्केल’ के नाम से जानी जाती है। भूकंपीय तीव्रता भूकंप के दौरान ऊर्जा मुक्त होने से संबंधित है।इस मापनी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 0 से 10 तक होती है। आघात की तीव्रता/गहनता को इटली के भूकंप वैज्ञानिक मरकैली के नाम पर जाना जाता है।यह झटकों से हुई प्रत्यक्ष हानि द्वारा निर्धारित की जाती है इसकी गहनता 1 से 12 तक होती है।
भूकंप के प्रभाव कौन-कौन से हैं?
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है। भूकंपीय आपदा से होने वाले प्रकोप निम्न प्रकार से हैं-
भूमि का हिलना
धरातलीय विसंगति
भू स्खलन/पंकस्खलन
मृदा द्रवण(Soil liquefaction )
धरातल का एक तरफ झुकना
हिमस्खलन
धरातलीय विस्थापन
बाॅध व तटबंध के टूटने से बाढ़
आग लगना
इमारतों का टूटना तथा ढाँचों का ध्वस्त होना
वस्तुओ का गिरना
सुनामी
ऊपर दिए गए सूची में भूकंप के प्रभाव में से पहले 6 का प्रभाव आप स्थलरूप पर देखा जा सकता है जबकि अन्य को उस क्षेत्र में होने वाले जन व धन की हानि से समझा जा सकता है। ‘सुनामी’ का प्रभाव तभी पड़ेगा जब भूकंप का अधिक केंद्र समुद्री स्थल पर हो और भूकंप की तीव्रता बहुत अधिक हो।’सुनामी’अपने आप में भूकंप नहीं है,यह वास्तव में लहरें हैं जो भूकंपीय तरंगों से उत्पन्न होती हैं। यद्यपि मूल रूप से कंपन की क्रिया कुछ सेकंड ही रहती है फिर भी यदि भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5 से अधिक है तो इसके परिणाम अत्यधिक विनाशकारी होते हैं।
भूकंप की आवृत्ति
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है तेज भूकंप के झटको से अधिक जन व धन की अधिक हानि होती है।फिर भी ऐसा नहीं है कि विश्व के सभी भागों में तेज भूकंप ही आते हैं।केवल वही क्षेत्र जो भ्रंश के पास होते हैं ऐसे तेज झटके महसूस करते हैं।
अक्सर यह देखा गया है कि रिक्टर स्केल पर 8 से अधिक तेज वाले भूकंप के आने की संभावना बहुत ही कम होती है।जो 1- 2 सालों में एक ही बार आते हैं। जबकि हल्के भूकंप लगभग हर मिनट पृथ्वी के किसी न किसी भाग में महसूस किए जाते हैं।
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