वन अपरूपण किसे कहते हैं कारण और परिणाम

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वन अपरूपण किसे कहते हैं कारण और परिणाम

नमस्कार दोस्तों आप सभी लोगों का Hindi-khabri.in में स्वागत है। दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि वन अपरूपण किसे कहते हैं कारण और परिणाम के बारे में हम जानेंगे। तो दोस्तों आइए हम जानते हैं कि वन अपरूपण किसे कहते हैं कारण और परिणाम के बारे में जानते हैं तो दोस्तों आइए बिना देर किए हम जानते हैं

वन अपरूपण किसे कहते हैं कारण और परिणाम

वन अपरूपण का आशय स्थानीय वनों का स्थायी रूप से सफाया करना अथवा उन्हें नष्ट करने से है।यह आकलन किया गया है कि वर्तमान में स्थानीय वनाच्छादन पृथ्वी की भूसतह का लगभग 21% भाग बनाता है। वर्ल्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट(विश्व संसाधन संस्थान) के अनुसार वन अपरूपण को भूमि उपयोग समस्या की सबसे गंभीर समस्याओं में से एक माना जाता है।दूसरा प्रमुख सरोकार वन अपरूपण के होने की दर का है। वर्तमान में 1.2 करोड़ हेक्टेयर वन क्षेत्र का वार्षिक रूप से सफाया किया जाता है।इस वन अपरूपण का लगभग अधिकांश भाग आर्द्र वनो और खुले उष्णकटिबंधीय जंगलों में होता है।यह पूर्वानुमान किया गया है कि यदि इसी दर से वन अपरूपण होता रहा तो वर्ष 2050 तक अमेजन और जायरे बेसिन और कुछ संरक्षित वनों और अभ्यारण्यों/पार्क के संरक्षित क्षेत्रों के अतिरिक्त सभी आर्द्र उष्णकटिबंधी वन लुप्त हो सकते हैं।भारत में वनाच्छादन कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 24.39% है।लेकिन यह आंकलन किया गया है कि देश की पारिस्थितिक और आर्थिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 33% वन की आवश्यकता है वन अपरूपण के कुछ प्रमुख कारण हैं जो नीचे दिए गए हैं-

वन अपरूपण के कारण

आइए अब हम वन अपरूपण के मुख्य कारणों की विश्व में सामान्य तथा भारत में विशेष रूप से चर्चा करते हैं या जानते हैं।

जनसंख्या विस्फोट

निरंतर बढ़ती मानव जनसंख्या वन अपरूपण का एक प्रमुख कारण है यह पर्यावरण के लिए प्रमुख खतरा है। वन क्षेत्र के बड़े भागों की खेती,खनन कार्यों और नई बस्ती बसाने और विद्यमान बस्तियों के विस्तार तथा बुनियादी ढांचागत,विकास के लिए जैसे सड़क और रेल पथ बनाने के लिए काटा जाता है। वनों को काटा जाता है।

वनों में आग

वन अपरूपण का एक अन्य प्रमुख कारण है वनों में आग या तो प्राकृतिक रूप से लग जाती है अथवा मानव प्रेषित होती हैं वनों में आग लगने के कुछ प्रमुख कारण निम्न प्रकार से है जो नीचे बताया गया है –

  • वनों के तल पर शुष्क ह्यूमस और कार्बनिक पदार्थ की मोटी परत भूमि अथवा सतह पर असावधानी से आग लग जाने के लिए आदर्श स्थितियां प्रदान करते हैं। सिगरेट के जलते ठंठो को सूखे पत्तों पर फेंक देने से वह आसानी से आग पकड़ सकते हैं।
  • सघन आच्छादित वनों में शिखरों पर आग लगती है जहां वृक्षों के शीर्ष भाग एक दूसरे से निरंतर रगड़ खाते रहने के कारण उत्पन्न होने वाले ताप से आग पकड़ सकते हैं।

आग पूरे विकसित पेड़ों को नष्ट कर सकती हैं,बीजों को ह्युमस,भूमि की वनस्पतियों और जंतु जीवन को मार अथवा झुलसा सकती है।

पशुओं द्वारा चराई

मवेशियों द्वारा अत्यधिक चराई के कारण वन के मृदा के कुचले जाने के दूरगामी प्रभाव होते हैं जैसे कि मृदा की रघ्रता में कमी, मृदा अपरदन और मरुस्थलीकरण ने पहले के उर्वर वन क्षेत्र की मृदा की उत्पादकता को कम कर दिया है।

पीड़क जीवों का हमला

पीड़क जीव पत्तियों को खाकर तनो में गड्ढे बनाकर और रोगों को फैलाकर वृक्षों को नष्ट कर देते हैं।

वन अपरूपण के परिणाम

वन जलवायु जैवविविधता, वन्य जंतुओ, फसलों और औषधीय पादपों से निकट रूप से संबन्धित है।व्यापक स्तर पर वन अपरूपण के दूरगामी असर होंगे। इनमें प्रमुख है:-

  • वन्य जीवों के आवासों का नष्ट होना।वृक्षों पर रहने वाले जंतु आश्रय और भोजन से वंचित हो जाएंगे।
  • वनस्पति आच्छादन में कमी के कारण मृदा अपरदन में वृद्धि।
  • पादपों द्वारा प्रकाश संश्लेषण के द्वारा निर्मित की जाने वाली ऑक्सीजन में कमी।
  • लकड़ी जलाने और पादपों द्वारा कार्बन के कम योगिकीकरण के कारण प्रदूषण का बढ़ना।
  • वन उत्पादों की उपलब्धता में कमी।
  • पादप,जंतु और सूक्ष्मजीवी जैव विविधता में कमी
  • ईंधन की लकड़ी की कमी और वनों के आसपास रहने वाले व्यक्तियों की आमदनी और जीवन की गुणवत्ता में कमी।
  • अधिक वाह जल और इस कारण भूजल के अत्यधिक दोहन से भूजल स्तर में कमी।
  • वनस्पतियों को जलाने से वायु के कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में वृद्धि के कारण भूमंडलीय तापन हो रहा है जिससे हिम गोप और ग्लेशियर पिघल रहे हैं और इस कारण तटीय क्षेत्रों का जलस्तर बढ़ रहा है।

निष्कर्ष

दोस्तों हम आपसे यह उम्मीद करते हैं कि आप सभी लोगों को वन अपरूपण किसे कहते हैं कारण और परिणाम के बारे में आप समझ गये होंगे। दोस्तों यदि आप सभी लोगों को इससे जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप सभी लोग हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।यदि आप सभी लोगों को यह पोस्ट हमारी अच्छी लगी हो तो इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

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