मानव भूगोल क्या है? (Manav Bhugol Kya Hai) परिभाषा एवं विषय क्षेत्र,उपशाखाएं

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मानव भूगोल क्या है? (Manav Bhugol Kya Hai) परिभाषा एवं विषय क्षेत्र,उपशाखाएं

नमस्कार दोस्तों आप सभी का Hindi-khabri.in में स्वागत है। हम सभी लोग भूगोल जैसे विषय से परिचित हैं अगर हम भूगोल के अर्थ की बात करें तो इसका अर्थ होता है पृथ्वी का अध्ययन मानव भूगोल भूगोल की एक उपशाखा है जिसके अंतर्गत धाम मानव तथा पर्यावरण के बीच के अंतर्संबंध का अध्ययन करते हैं।आज के इस नए आर्टिकल में हम सभी लोग जानेंगे कि मानव भूगोल क्या है मानव भूगोल की विशेषता क्या है मानव भूगोल की परिभाषा क्या है और मानव भूगोल के महत्व के विषय के बारे में जानेंगे।

मानव भूगोल क्या है

मानव भूगोल भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसके अंतर्गत मानव की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान समय तक उसके पर्यावरण के साथ संबंधों का अध्ययन किया जाता है मानव भूगोल का अर्थ एवं प्रकृति पर्यावरण के साथ अंतर्संबंध का अध्ययन

मानव भूगोल के अंतर्गत मानव का पर्यावरण के साथ जिस प्रकार से संबंध रहा है और मानव ने पर्यावरण का वह स्थानीय संगठनों का निर्माण किया है और वातावरण की शक्तियों के प्रभाव तथा प्रक्रियाओं के पारस्परिक कार्यात्मक संबंधों का अध्ययन इसके अंतर्गत आता है।

कुछ समय में मानव भूगोल का महत्व बहुत ज्यादा बढ़ा है और इस क्षेत्र में वैज्ञानिक विकास भी हुआ है और संसार के अलग-अलग देशों में वहां की जनसंख्या की आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक उन्नति के लिए संसाधन योजना में इसके ज्ञान का प्रयोग किया जा रहा है।

मानव भूगोल की परिभाषाएं

रैटजेल के अनुसार

“मानव भूगोल मानव समाज और धरातल के बीच संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है।” रैटजेल के अनुसार मानव भूगोल की परिभाषाओ में संश्लेषण के ऊपर जोर दिया गया है।

एलन सैंपल के अनुसार

मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और क्रियाशील मानव के बीच परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है।सेपल की परिभाषा में संबंधों की गत्यात्मकता मुख्य शब्द है।

एलटी के अनुसार

मानव भूगोल मानवीय क्रियाकलाप उत्तम मानवीय गुणों के भौगोलिक वातावरण से संबंधित की प्रक्रिया में उसके वितरणों का अध्ययन है।

“पाँल विडाल-डी-ला ब्लाश

हमारी पृथ्वी को नियंत्रित करने वाले भौतिक नियमों का इस पर रहने वाले जीवो के मध्य संबंधों के अधिक संश्लेषित ज्ञान से उत्पन्न संकल्पना।” मानव भूगोल पृथ्वी और मनुष्य की बीच अंतर्सबंधों की एक नई संकल्पना प्रस्तुत करता है।

मानव भूगोल की उपशाखाएँ

जनसंख्या एवं अधिवास भूगोल

या ग्रामीण तथा नगरी क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि उसका जनसंख्या वितरण घनत्व लिंग अनुपात परिवार एवं व्यवसायिक संरचना आदि इन सब का अध्ययन करता है जबकि अधिवास भूगोल में नगरीय अधिवास वितरण प्रारूप तथा अन्य विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है।

सामाजिक भूगोल

सामाजिक भूगोल के अंतर्गत समाज तथा इसकी स्थानीय प्रादेशिक गत्यात्मक तथा समाज के योगदान से निर्मित सांस्कृतिक तत्वों का अध्ययन आता है।

आर्थिक भूगोल

यह मानव की आर्थिक क्रियाओं जैसे कि कृषि उद्योग पर्यटन व्यापार एवं परिवहन उद्योग तथा सेवाओं का अध्ययन करता है।

ऐतिहासिक भूगोल

यह उन सभी ऐतिहासिक प्रक्रियाओं का अध्ययन करता है जो क्षेत्र को संगठित करती हैं प्रत्येक प्रदेश वर्तमान स्थिति में आने से पहले ऐतिहासिक अनुभव से गुजरता है भौगोलिक तत्वों में से समय के अनुसार परिवर्तन होते रहते हैं और इसकी व्याख्या ऐतिहासिक भूगोल का आधार होता है।

राजनीतिक भूगोल

यह उन क्षेत्र को राजनीतिक घटनाओं की दृष्टि से देखता है और सीमाओं निकटवर्ती पड़ोसी इकाइयों के मध्य भू-वैज्ञानिक संबंध निर्वाचन क्षेत्र का परिसीमन चुनाव परिदृश्य का विश्लेषण इसके साथ ही जनसंख्या के राजनीतिक व्यवहारों को समझने के लिए सैद्धांतिक रूप रेखा विकसित करता है।

FAQs

Q पर्यावरणीय निश्चयवाद किसे कहा गया है?
Ans प्राकृतिक पर्यावरण से अन्योन्य क्रिया कि आरंभिक अवस्थाओ में मानव इससे अत्यधिक प्रभावित हुआ था।उन्होंने प्रकृति के आदेशों के अनुसार अपने आप को ढाल लिया।इसका कारण यह है कि प्रौद्योगिकी का स्तर अत्यंत निम्न था और मानव के सामाजिक विकास की और सभी आदिम थी।आदिम मानव समाज और प्रकृति की प्रबल शक्तियों के बीच इस प्रकार के अन्योन्यक्रिया को पर्यावरणीय निश्चयवाद कहां जाता है।

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