शारीरिक शिक्षा में करियर के विकल्प क्या है ?

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शारीरिक शिक्षा में करियर के विकल्प

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका Hindi-khabri.in में दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि शारीरिक शिक्षा में करियर के विकल्प क्या है और हमारे जीवन में कौन-कौन से ऐसे विकल्प मौजूद रहेंगे जो कि उनको हम चुन पाएंगे आदि के बारे में हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानने वाले हैं तो दोस्तों आइए हम बिना देर किए जानते हैं कि शारीरिक शिक्षा में करियर के विकल्प क्या है-

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शारीरिक शिक्षा में करियर के विकल्प

अभी हमारे देश में हाल के वर्षों में लोगों की सारी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही बढ़ती दिलचस्पी के कारण इस क्षेत्र में प्रशिक्षित व्यक्तियों के लिए रोजगार के कई विकल्प उपलब्ध है। इनमें से कुछ का वर्णन हम नीचे आपको विस्तार से बता रहे हैं-

शारीरिक शिक्षा में शिक्षण का करियर

शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में सबसे अधिक नौकरियां विद्यालय तथा महाविद्यालय के क्षेत्र में ही होती है। शिक्षण में कैरियर उनके लिए ही उचित है जिनकी पढ़ाई में पढ़ाने में रुचि होती है आर्थिक दृष्टि से भी है नौकरियां बहुत ही आकर्षक होती है क्योंकि उन्हें वेतन दूसरे विश्व चीज को के समान ही मिलता है इन सभी के अलावा शारीरिक शिक्षा के अध्यापक का विद्यार्थियों के बीच काफी मान सम्मान होता है क्योंकि वह समाज को कुछ अच्छा देने का प्रयत्न कर रहे होते है। यह कायर मानसिक रूप से संतुष्टि भी प्रदान करता है।
शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षण के अवसर अलग-अलग स्तरों पर होते हैं,जैसे कि-

प्राथमिक विद्यालयों में (In Primary School)

छोटी उम्र में ही बच्चों को मूलभूत कौशल व अभिवृत्ति या ज्यादा अच्छे ढंग से सिखाई जा सकती है और इस काम के लिए प्राथमिक विद्यालय बहुत ही उपयुक्त स्थान होता है। छोटी उम्र में शारीरिक शिक्षा बच्चों की गति व इंद्रिय संबंधी अनुभव तथा बुद्धि के विकास हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं। सालिक शिक्षा के द्वारा बच्चे रचनात्मक होते हैं आत्मा छवि विकसित करते हैं तथा अर्थपूर्ण ढंग से बढ़ते हैं विकसित देशों के प्राथमिक विद्यालयों में जहां शारीरिक शिक्षा अनिवार्य वहीं भारत के प्राथमिक विद्यालयों में अक्सर देखा गया क्या विषय के अध्यापक की शारीरिक क्रियाएं सिखाते हैं सरकार को प्राथमिक विद्यालयों में भी शैक्षणिक रूप से योग्य शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि वे भविष्य के अच्छे खिलाड़ी व स्वस्थ नागरिक तैयार कर सकें।

माध्यमिक विद्यालयों में (In Middle School)

इस स्तर पर शहरों या बड़े कस्बों में जो विद्यालय सीबीएसई से संबंधित होती हैं वहां सारिक शिक्षा में करियर के अवसर उपलब्ध हैं सीबीएसई द्वारा शारीरिक शिक्षा को कक्षा VI से XII तक एक स्वतंत्र विषय के रूप में लागू कर दिया गया है।

उच्च विद्यालयों एवं वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में

भारत में इस स्तर पर प्रत्येक विद्यालय में शारीरिक शिक्षक नियुक्त किए जाते हैं इसलिए इस स्तर पर कैरियर के कई अच्छे अवसर उपलब्ध होते हैं आजकल सभी विद्यालयों में उत्तर एवं माध्यमिक स्तर पर कई खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है कई निजी विद्यालयों में उच्च स्वास्थ्य तथा प्राप्त एवं विशेषज्ञ अध्यापकों की नियुक्ति की जाती है ताकि एक अच्छी टीम तथा अच्छे एथलीट तैयार किए जा सके जिससे विद्यालय का नाम रोशन हो सके।

महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में

यद्यपि महाविद्यालयों में शारीरिक शिक्षा एक वैकल्पिक विषय के रूप में होता है तथा पीस स्तर पर शारीरिक शिक्षा में करियर के अवसर होते हैं कई विश्वविद्यालय में शारीरिक शिक्षा में व्यवसायिक कोर्स पढ़ाए जाते हैं महाविद्यालयों में शारीरिक शिक्षा में MA या एम.फिल डिग्री प्राप्त शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। हालांकि नियुक्त के दौरान पीएचडी धारकों को वरीयता दी जाती है महाविद्यालय में शिक्षक विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के लिए एथलीटो एवं टीमों को तैयार करते हैं जबकि विश्वविद्यालय में केवल अध्ययन कार्य ही किया जाता है। विश्वविद्यालयों में अनुसंधान कार्य,परीक्षण एवं मापन,खेल मनोविज्ञान,खेल समाजशास्त्र, खेल-जीव यांत्रिकी,खेल चिकित्सा,व्यायाम,शारीरिक विज्ञान,संगठन एवं प्रशासन आदि विषयों का अध्यापन किया जाता है।

प्रशिक्षण में करियर

शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में प्रशिक्षक के रूप में भी नौकरियों के कई अवसर उपलब्ध होते हैं। प्रशिक्षण के अवसर विद्यालय बगैर विद्यालय संस्थान और दोनों जगह उपलब्ध होते हैं विद्यालयों व विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षण देने हेतु नौकरी के काफी अवसर उपलब्ध हैं विद्यालय स्तर पर एक प्रशिक्षक की आवश्यकता शारीरिक शिक्षा के शिक्षण व टीम के प्रशिक्षण के लिए भी होती है।

महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों में प्रशिक्षकों की नियुक्ति प्रतियोगिताओं के लिए विभिन्न टीमों को प्रशिक्षण देने हेतु की जाती है प्रत्येक राज्य के खेल विभाग व स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में भी नौकरियों के अनेक अवसर उपलब्ध होते हैं इसके अलावा व्यावसायिक टीमों, कमर्शियल स्पोर्ट्स क्लबों, होटलों,सार्वजनिक उद्यमों व सरकारी उपक्रमों में भी प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध होते हैं।

इस व्यवसाय में एक ओर जहां भरपूर आधार मिलता है वहीं दूसरी तरफ प्रशिक्षण की अवधी काफी लंबी हो सकती है। कई बार खिलाड़ियों को परामर्श देने में काफी समय बिताना पड़ सकता है अवसर पर शिक्षकों को टीम को विजई बनाने के लिए भारी तनाव में भी रहना पड़ता है।

एक प्रशिक्षक को एक अच्छा अध्यापक होने के साथ-साथ खेल के नए नियमों तथा वर्तमान प्रवृत्तियों से भी अवगत रहना चाहिए इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उसे सिम नाम तथा कार्यशाला में भी भाग लेते रहना चाहिए।

स्वास्थ्य संबंधित क्षेत्र में करियर

हाल ही के वर्षों में लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता में काफी अधिक मात्रा में वृद्धि हुई है। आज के समय में हर व्यक्ति स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट रहना चाहता है। इसके लिए उसे उचित मार्गदर्शन की जरूरत होती है। इसीलिए शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में स्वास्थ्य से संबंधित कार्य के अवसरों में बेतहाशा वृद्धि हुई है।

पिछले कुछ सालों में स्वास्थ्य एवं बाहर नियंत्रण लोगों की संख्या में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है इसी कारण इन जगहों पर शादी शिक्षा शास्त्रियों की मांग में भी भारी वृद्धि हुई है जैसे-जैसे हमारे समाज में स्वस्थ व पुष्ट रहने की रुचि बढ़ती जाएगी,वैसे-वैसे इस क्षेत्र में नौकरियों के अवसर भी बढ़ते जाएंगे।
शारीरिक गतिविधियों के कारण खिलाड़ियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हुए खेल चिकित्सा विशेषज्ञों की आवश्यकता भी बढ़ी है। अनेक कठोर खेल-कूद गतिविधियों के दबाव के कारण तथा खेल-क्षेत्र में अनेक प्रकार की क्षतियाँ होने के कारण इस क्षेत्र में योग्यता प्राप्त व्यक्तियों की मांग बहुत बढ़ी है।

खेल प्रशासन के क्षेत्र में करियर

खेलों में भागीदारी व खेलों से संबंधित व्यवसाय के बढ़ने के कारण खेल प्रबंधन में प्रशिक्षित व्यक्तियों की आवश्यकता भी बढ़ गई है। आज खेल क्लब व तथा स्पोर्ट्स मार्केटिंग कंपनियों में खेल प्रबंधन में प्रशिक्षित व्यक्तियों की काफी मांग है। शारीरिक शिक्षा के प्रशासन से संबंधित कई करियर विकल्पों का वर्णन निम्नलिखित प्रकार से हैं-

खेल विभाग में-

खेल विभागों में प्रशासन संबंधी नौकरियों के कई अवसर उपलब्ध होते हैं।जैसे कि- खेल निदेशक का पद भारत के प्रत्येक विश्वविद्यालय में अनिवार्य होता है खेल निदेशक, खेल कूद संबंधी विभिन्न कार्यक्रमों के प्रशासन के लिए उत्तरदायी होता है। वह खेलों के आयोजन के अलावा पर शिक्षकों को व सहायक शिक्षकों के कार्यों का पर्यवेक्षण भी करते हैं। विश्वविद्यालय में आयोजित किसी भी खेल प्रतिस्पर्धा की तिथि तय करना, खेल अधिकारियों की व्यवस्था तथा कार्यक्रम संबंधी अन्य योजनाएं तथा खेल बजट तैयार करना इनकी जिम्मेदारी होती हैं।

प्रत्येक राज्य के खेल विभाग में भी प्रशासन से संबंधित नौकरियों में अनेक पद होते हैं जैसे कि जिला खेल अधिकारी,राज्य स्तर पर खेल निदेशक व उप-खेल निदेशक इत्यादि।

औद्योगिक मनोरंजन-

आजकल अनेक बहुराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय कंपनियां अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य और फिटनेस व सुयोग्यता पर विशेष ध्यान देती हैं, क्योंकि इससे कर्मचारियों की कार्य क्षमता तथा उत्पादकता में वृद्धि होती है, जिससे कंपनी का लाभ भी बढ़ता है इसलिए इन कंपनियों में व्यावसायिक योग्यता वाले व्यक्तियों की मांग रहती है जो उनके कर्मचारियों को शारीरिक क्रियाओं के लिए निर्देश दे सके तथा कर्मचारियों की पुष्टि से संबंधित बनाए गए कार्यक्रमों की देख-रेख कर सकें।

उपलब्धिया या प्रदर्शन से संबंधित करियर्स

खिलाड़ी के रूप में (As a Player)

आज बड़ी संख्या में खिलाड़ी विभिन्न खेलों में विभिन्न स्तरों पर भाग लेते हैं लेकिन केवल निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी ही एक खिलाड़ी के रूप में अपना कैरियर बनाते हैं पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न स्तरों में खेलों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए कई सरकारी तथा गैर सरकारी कंपनियों जैसे- डिफेंस सर्विसेज, बैंको,कंपनियों या उद्योगों,निगमों, एयरलाइंस व रेलवे आदि में भी नौकरियों के अनेक अवसर उपलब्ध है।यहां तक कि अच्छे खिलाड़ियों के लिए बहुत सी खेल छात्रवृत्तियां भी शुरू की गई है।

अधिकारी के रूप में (As a Official)

किसी भी खेल प्रतियोगिता का अच्छा संचालन निष्पक्ष व कुशल अधिकारियों पर निर्भर करता है एक खेल प्रतियोगिता या स्पर्धा में अनेक अधिकारी जैसे कि-रेफरी,एंपायर, टाइमकीपर,रिकॉर्डर,स्कोरर आदि होते हैं हालांकि उनकी आवश्यकता आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं की संख्या पर निर्भर करती है।यह भी खेल से संबंधित कैरियर का एक अच्छा विकल्प है आज बहुत से भूतपूर्व खिला़ड़ी खेल करिअर समाप्त हो जाने के बाद भी खेल संचालन अधिकारी के रूप में इस व्यवसायिक करिअर को अपना रहे हैं।

संचार माध्यमों में करियर

संचार के विभिन्न माध्यमों जैसे कि-टेलीविजन,रेडियो,समाचार पत्र तथा मैगजीन इत्यादि के बढ़ते प्रभाव के कारण इस क्षेत्र में भी शारीरिक शिक्षा शास्त्रियों की मांग में भारी वृद्धि हुई है। एक शारीरिक शिक्षा शास्त्री के लिए संचार माध्यमों से संबंधित विभिन्न करियर विकल्प निम्नलिखित है-

खेल पत्रकार

ऐसे शारीरिक शिक्षा-शास्त्री जिनमें लिखने की प्रतिभा होती है वे खेल पत्रकार के रूप में करियर का अपना चयन कर सकते हैं।खेल पत्रकार विभिन्न अखबारों व मैगजीनों के साथ कार्य करने के अवसर प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि खेल समाचारों को समाचार-पत्रों व मैगजीनों में प्रमुखता से छापा जा रहा है किसी खेल घटना का विवरण व रिपोर्टिंग इस करियर का महत्वपूर्ण भाग है इसके अतिरिक्त प्रशिक्षकों तथा खिलाड़ियों का साक्षात्कार लेना भी खेल पत्रकारों का ही कार्य होता है शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र से होने के कारण वह किसी खिलाड़ी के प्रदर्शन का व्याख्यान बेहतर तरीके से कर सकता है जोकि सम्भवतः किसी सामान्य पत्रकार के लिए उतना आसान ना हो।

पुस्तक लेखन अथवा प्रकाशन

भारत में शारीरिक शिक्षा की पुस्तकों की भारी कमी है इसलिए शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में पुस्तक लेखन अथवा प्रकाशन भी एक अच्छा विकल्प है इस क्षेत्र में करियर अपनाने के लिए विषय में रुचि,ज्ञान व लेखन की प्रतिभा होनी चाहिए।

फिल्म फोटोग्राफी

प्रिंट मीडिया के बढ़ते चलन के कारण खेल फोटोग्राफरों के लिए समाचार पत्रों खेल मैगजीनो आदि के साथ कार्य करने के काफी अच्छे अवसर उपलब्ध हैं परंतु यह कैरियर विकल्प उनके लिए उपयुक्त होता है जिनकी फोटोग्राफी में अच्छी रूचि होती है।

खेल प्रसारण

जो खिलाड़ी मौखिक भाषा में कुशल अथवा निपुण हो, खेल-कूद संबंधी गतिविधियों की जानकारी रखते हो तथा जिनकी वाणी प्रसारण योग्य हो,वे खेल-समीक्षक अथवा वृतांत प्रसारक बन सकते हैं। इस प्रकार के पद खिलाड़ियों के लिए विशेष तौर पर उपयोगी साबित होते हैं क्योंकि वह अपने बनाए गए चित्रों अथवा चलचित्रों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकते हैं।

खेल उपकरणों की बिक्री

खेलों तथा स्वास्थ्य के प्रति बढ़ते रुझान के कारण खेल उपकरणों की बिक्री में वृद्धि हुई है। खेल उपकरण बनाने वाली कंपनियों को ऐसे शरीर शिक्षा शास्त्रियों की आवश्यकता होती है जो खेल उपकरणों की आवश्यकता एवं बदलती मांग से अवगत हो।

खेल उद्योग

खेल उद्योग में भी कैरियर बनाने की असीम संभावनाएं हैं। ऐसे खेल उपकरणों तथा कपड़ों की मांग हमेशा रहती है जिससे खिलाड़ियों का प्रदर्शन बेहतर हो सके। खिलाड़ियों की इन अपेक्षाओं को कोई डिजाइनर तभी पूरा कर सकता है जब उसे उस खेल से संबंधित जानकारी हो जैसे कि-कुछ वर्ष पहले तक घाव को द्वारा ढीले निक्कर प्रयोग में लाए जाते थे, लेकिन अब वे त्वचा से कसे हुए निक्कर पहनना पसंद करते हैं, क्योंकि इनसे वायु प्रतिरोध कम होता है तथा यह धावकों को चुस्त व सक्रिय रखते हैं।

नोट-ऊपर दिए गए कैरियर के विकल्पों के आधार पर हम यह कह सकते हैं कि शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में आज के समय में पहले की अपेक्षा कई करियर के विकल्प मौजूद हैं।

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