वर्तनी किसे कहते हैं।Vartani Kise kahate Hain
नमस्कार दोस्तों आप सभी लोगों का Hindi-khabri.in में आप सभी लोगों का स्वागत है। दोस्तों आज के इस नए आर्टिकल में हम सभी लोग जानने वाले हैं कि वर्तनी किसे कहते हैं। और शब्दों के उच्चारण एवं वर्तनी में अशुद्धियां और शुद्धियां,स्वर संबंधी अशुद्धियां के बारे में भी इस आर्टिकल में हम लोग जानेंगे। तो दोस्तों आइए बिना देर किए हम लोग वर्तनी किसे कहते हैं।के बारे में जानते हैं।
वर्तनी किसे कहते हैं।
वर्तनी किसे कहते हैं।:-लिखने की रीति को ‘वर्तनी’ या ‘अक्षरी’ कहते हैं इसे ‘हिज्जे’ भी कहा जाता है। किसी भी भाषा की सभी ध्वनियों को सही ढंग से उच्चारण करने के लिए ही वर्तनी की एकरूपता बिल्कुल ही स्टीक की जाती है जिस भाषा की वर्तनी में अपनी भाषा के साथ अन्य भाषाओं की ध्वनियों को ग्रहण करने की जितनी अधिक शक्ति होगी उस भाषा की वर्तनी उतनी ही समर्थ समझी जाती है।अतः वर्तनी का सीधा संबंध भाषा गर्मियों के उच्चारण से होता है।
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वर्तनी का सीधा संबंध उच्चारण से होता है हिंदी में जो बोला जाता है वही चीज को लिखा भी जाता है। यदि उच्चारण अशुद्ध होगा तो वर्तनी भी अशुद्ध होगी। प्राया अपनी मातृभाषा या बोली के कारण तथा व्याकरण से संबंधित ज्ञान की कमी के कारण उच्चारण में अशुद्धियां आ जाती हैं जिसके कारण वर्तनी में भी अशुद्धियां आ जाती हैं।
प्रायः लोकगीत शब्दों के उच्चारण एवं वर्तनी में अशुद्धियां करते हैं उन शब्दों के अशुद्ध और शुद्ध रूप आगे तालिका में आपको नीचे दिए जा रहे हैं जो कि निम्न है-
स्वर संबंधी अशुद्धियां
‘अ’ ‘आ’ संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
अजमाइश |
आजमाइश |
अलपीन |
आलपीन |
अर्यावर्त |
आर्यावर्त |
अवाज |
आवाज |
अहार |
आहार |
आधीन |
अधीन |
आजकाल |
आजकल |
अनाधिकार |
अनधिकार |
ढाकना |
ढकना |
चहरदीवारी |
चहारदीवारी |
नदान |
नादान |
नराज |
नाराज |
प्रमाणिक |
प्रामाणिक |
बदाम |
बादाम |
ब्रह्मण |
ब्राह्मण |
भगीरथी |
भागीरथी |
व्यवसायिक |
व्यावसायिक |
सप्ताहिक |
साप्ताहिक |
ससारिक |
सांसारिक |
दुरावस्था |
दुरवस्था |
बारात |
बरात |
हस्ताक्षेप |
हस्तक्षेप |
हाथिनी |
हथिनी |
अकाश |
आकाश |
‘इ’ ‘ई’ संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
आशिर्वाद |
आशीर्वाद |
इद |
ईद |
इश्वर |
ईश्वर |
इसाई |
ईसाई |
गोदावरि |
गोदावरी |
जिरा |
जीरा |
तिर्थ |
तीर्थ |
तुलसिदास |
तुलसीदास |
दिपिका |
दीपिका |
दिवाली |
दीवाली |
निरिक्षण |
निरीक्षण |
पत्नि |
पत्नी |
निरसता |
नीरसता |
पिताम्बर |
पीताम्बर |
अतिथी |
अतिथि |
अभीनेता |
अभिनेता |
प्रतिक |
प्रतीक |
प्राणि |
प्राणी |
भागिरथी |
भागीरथी |
महिना |
महीना |
रितिकाल |
रीतिकाल |
बिमारी |
बीमारी |
लिजिये |
लीजिये |
शताब्दि |
शताब्दी |
समिक्षा |
समीक्षा |
शिर्षक |
शीर्षक |
सूचिपत्र |
सूचीपत्र |
हिग |
हींग |
परीचय |
परिचय |
परिणती |
परिणति |
आखिर |
आखीर |
ईजन |
इंजन |
कालीदास |
कालिदास |
छत्रीय |
छत्रिय |
गीनना |
गिनना |
नीती |
नीति |
परीवार |
परिवार |
बलीदान |
बलिदान |
मती |
मति |
श्रीमति |
श्रीमती |
हानी |
हानि |
‘उ’ ‘ऊ’ संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
अनुदित |
अनूदित |
उधम |
ऊधम |
उष्मा |
ऊष्मा |
तुफान |
तूफान |
नुपुर |
नूपुर |
वधु |
वधू |
सिन्दुर |
सिन्दूर |
सुई |
सूई |
दूबारा |
दुबारा |
दूकान |
दुकान |
‘ऋ’ संबंधी अशुद्धिया
अशुद्ध |
शुद्ध |
अनुग्रहित |
अनुगृहित |
पैत्रिक |
पैतृक |
तृकोण |
त्रिकोण |
रिगवेद |
ऋग्वेद |
रिणी |
ऋणी |
रितु |
ऋतु |
रिषि |
ऋषि |
संग्रहित |
संगृहित |
‘ए’ ‘ऐ’ संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
एक्ट |
ऐक्ट |
केटिंन |
कैंटीन |
केबिनेट |
कैबिनेट |
पेसा |
पैसा |
चाहिऐ |
चाहिए |
फैल |
फेल |
फैकना |
फेंकना |
देहिक |
दैहिक |
वेश्य |
वैश्य |
मटमेंले |
मटमैले |
मेनेजर |
मैनेजर |
मेसूर |
मैसूर |
सेनिक |
सैनिक |
सैना |
सेना |
‘ओ’ ‘औ’ संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
अलोकिक |
अलौकिक |
अक्षोहिणी |
अक्षौहिणी |
गोरव |
गौरव |
नोकरी |
नौकरी |
ओरत |
औरत |
गोतम |
गौतम |
दौना |
दोना |
लौहार |
लोहार |
पोरुष |
पौरुष |
पारलोकिक |
पारलौकिक |
अनुस्वार (°), चंद्र बिन्दु (.) संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
आंख |
आँख |
उंगली |
ऊँगली |
दांत |
दाँत |
कांपना |
काँपना |
गूंगा |
गूँगा |
झांसी |
झाँसी |
विसर्ग (:) संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
दुश्शील |
दु:शील |
दुख |
दु:ख |
निशुल्क |
नि:शुल्क |
निस्वार्थ |
नि:स्वार्थ |
प्रातकाल |
प्रातःकाल |
प्राय |
प्राय: |
मनस्थिति |
मन:स्थिति |
शनै शनै |
शनै: शनै: |
व्यंजन संबंधी अशुद्धियां
‘छ’ ‘क्ष’ संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
आकांछा |
आकांक्षा |
छत्रिय |
क्षत्रिय |
छ्न |
क्षण |
छमा |
क्षमा |
छीण |
क्षीण |
छय |
क्षय |
संछेप |
संक्षेप |
लछमन |
लक्ष्मण |
रच्छा |
रक्षा |
छोभ |
क्षोभ |
नछत्र |
नक्षत्र |
‘ज’ ‘य’ संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
अजोधा |
अयोध्या |
जमुना |
यमुना |
जम |
यम |
जदि |
यदि |
जाचना |
याचना |
जुवती |
युवती |
जुवा |
युवा |
जोग |
योग |
‘ट’ ‘ठ’ संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
कुष्ट |
कुष्ठ |
कनिष्ट |
कनिष्ठ |
निष्टा |
निष्ठा |
पृष्ट |
पृष्ठ |
वरिष्ट |
वरिष्ठ |
गोष्टी |
गोष्ठी |
घनिष्ट |
घनिष्ठ |
मिष्ठान्न |
मिष्टान्न |
विशिष्ठ |
विशिष्ट |
षष्ठि |
षष्टि |
इकटटा |
इकटठा |
चेष्ठा |
चेष्टा |
‘ड’ ‘ड़’ ‘ढ’ ‘ढ़’ संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
कन्नड |
कन्नड़ |
क्रीडा |
क्रीड़ा |
घोडा |
घोड़ा |
पढता |
पढ़ता |
ढ़कना |
ढकना |
ढ़ेर |
ढेर |
पडता |
पड़ता |
पेड |
पेड़ |
लडका |
लड़का |
‘ण’ ‘न’ संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
अर्चणा |
अर्चना |
खाणा |
खाना |
कल्यान |
कत्याण |
कारन |
कारण |
गनेश |
गणेश |
गुन |
गुण |
चरन |
चरण |
नारायन |
नारायण |
परिनाम |
परिणाम |
फागुण |
फागुन |
प्रनाम |
प्रणाम |
पुन्य |
पुण्य |
रसायण |
रसायन |
राणी |
रानी |
प्रमान |
प्रमाण |
प्रान |
प्राण |
मरन |
मरण |
रामायन |
रामायण |
वीना |
वीणा |
‘ब’ ‘व’ संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध |
शुद्ध |
नबाब |
नवाब |
पूर्ब |
पूर्व |
ब्यथा |
व्यथा |
ब्यय |
व्यय |
ब्यवस्था |
व्यवस्था |
ब्यापार |
व्यापार |
बन |
वन |
बनस्पति |
वनस्पति |
ब्रत |
व्रत |
बातावरण |
वातावरण |
दबदवा |
दबदबा |
बिकट |
विकट |
बिख्यात |
विख्यात |
बिद्वान |
विद्वान |
बिधि |
विधि |
बिभीषण |
विभीषण |
बिमल |
विमल |
बिष |
विष |
बीबी |
बीवी |
बीरेन्द्र |
वीरेन्द्र |
बृष्टि |
वृष्टि |
धोवी |
धोबी |
बल्व |
बल्ब |
पंचमाक्षर (‘ङ’ ‘ञ’ ‘ण’ ‘न’ ‘म’) संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध |
शुद्ध |
अन्ग |
अंग |
अनगिन्त |
अनगिनत |
कन्ठ |
कण्ठ |
कुन्डली |
कुण्डली |
घन्टे |
घण्टे |
चन्चल |
चंचल |
झन्डा |
झण्डा |
दन्ड |
दण्ड |
पन्खा |
पंखा |
पन्क |
पंक |
पन्डित |
पंडित |
‘य’ संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध |
शुद्ध |
अंतर्ध्यान |
अंतर्धान |
केन्द्रीयकरण |
क्रेन्दीकरण |
कृत्यकृत्य |
कृतकृत्य |
अंताक्षरी |
अंत्याक्षरी |
कवित्री |
कवयित्री |
मानवर |
मान्यवर |
सामर्थ |
सामर्थ्य |
स्वास्थ |
स्वास्थ्य |
सदृश्य |
सदृश |
गृहस्थ्य |
गृहस्थ |
‘र’ ‘ड़’ संबंधी अशुद्धियाँ
अशुद्ध |
शुद्ध |
करोर |
करोड़ |
रामचन्दर |
रामचंद्र |
मिरच |
मिर्च |
मात्रिभूमि |
मातृभूमि |
बृज |
ब्रज |
टोकड़ी |
टोकरी |
घबड़ाना |
घबराना |
कीचर |
कीचड़ |
किवार |
किवाड़ |
कराही |
कड़ाही |
पापर |
पापड़ |
भेर |
भेड़ |
भेरिया |
भेड़िया |
पेरा |
पेड़ा |
पीरा |
पीड़ा |
पापर |
पापड़ |
परत्येक |
प्रत्येक |
प्रन्तु |
परन्तु |
करमनासा |
कर्मनाशा |
‘श’ ‘ष’ ‘स’ संबंधी अशुद्धियां
अशुद्ध |
शुद्ध |
उत्कर्श |
उत्कर्ष |
निश्काम |
निष्काम |
पुश्प |
पुष्प |
बहिश्कार |
बहिष्कार |
परिभाषा |
परिभाषा |
नमश्कार |
नमस्कार |
वेषभूषा |
वेशभूषा |
विवस |
विवश |
स्रवण |
श्रवण |
कोशी |
कोसी |
कैलाश |
कैलास |
अमावश्या |
अमावस्या |
मनुश्य |
मनुष्य |
राश्ट्रीय |
राष्ट्रीय |
विशाद |
विषाद |
विशेश |
विशेष |
संतोश |
संतोष |
हर्श |
हर्ष |
विकाश |
विकास |
आदर्ष |
आदर्श |
दृष्य |
दृश्य |
अवकास |
अवकाश |
असोक |
अशोक |
आसा |
आशा |
कलस |
कलश |
कुसलता |
कुशलता |
निष्कर्ष
दोस्तों हम आपसे यह उम्मीद करते हैं कि आप सभी लोगों को वर्तनी किसे कहते हैं और शब्दों के उच्चारण एवं वर्तनी में अशुद्धियां और शुद्धियां,स्वर संबंधी अशुद्धियों के बारे में समझ आ गया होगा।यदि आप सभी लोगों को इससे जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप सभी लोग हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।यदि आप सभी लोगों को यह पोस्ट हमारी अच्छी लगी हो तो इस जानकारी को आगे शेयर जरूर करें।
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