पारिस्थितिक अनुक्रम किसे कहते हैं, पारिस्थितिक अनुक्रम के प्रकार
नमस्कार दोस्तों आप सभी लोगों का Hindi-khabri.in में स्वागत है। दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम लोग जानेंगे कि पारिस्थितिक अनुक्रम किसे कहते हैं और पारिस्थितिक अनुक्रम के प्रकार कितने होते हैं आदि के बारे में इस आर्टिकल के माध्यम से हम लोग जानने वाले हैं तो दोस्तों आइए बिना देर किए जानते हैं कि पारिस्थितिक अनुक्रम किसे कहते हैं और पारिस्थितिक अनुक्रम के प्रकार
पारिस्थितिक अनुक्रम किसे कहते हैं?
समुदाय एक जैविक समुदाय कहलाता है “जैविक समुदाय को किसी नियत स्थान पर क्रिया करने वाली समष्टियों के एक समूह के रूप में परिभाषित किया जाता है”।जैविक समुदाय पारिस्थितिकि तंत्र के सजीव भाग को प्रदर्शित करता है और एक गतिशील इकाई की तरह कार्य करते हैं जिसमें पोषी स्तर,ऊर्जा प्रवाह और पोषको की चक्रण प्रणाली होती है।
जैविक समुदाय अपने सामान्य विकास के दौरान प्रगामी परिवर्तन प्रदर्शित करते हैं।समय के साथ किसी क्षेत्र में समुदाय की कुछ जीवो में अथवा प्रजातियों में अथवा निवासियों में परिवर्तन या फिर उनके विस्थापन की क्रमिक प्रक्रिया सामुदायिक विकास अथवा अधिक पारंपरिक रूप से पारिस्थितिक अनुक्रम कहलाती है।पारिस्थितिक अनुक्रम के लिए कालक्रम,व्यापक विलुप्ति के बाद लाखों वर्ष का अथवा कुछ दशकों (उदाहरण के लिए वनों की आग के बाद) का हो सकता है।
पारिस्थितिक अनुक्रम के प्रकार
पारिस्थितिक परिवर्तन काफी अनुमेय और क्रमिक होते हैं। किसी पारिस्थितिक समुदाय के भीतर,प्रजाति संयोजन(species composition) समय के साथ परिवर्तित हो जाता है क्योंकि कुछ प्रजातियां अधिक प्रभावी हो जाती है जबकि अन्य का अस्तित्व क्षीण हो जाता है। जब समुदाय समय के साथ विकसित होता है,वनस्पतियां बड़ी हो जाती है और समुदाय अधिक स्थापित हो जाता है। अनुक्रम की यह चरम अवस्था काफी स्थिर होती है और यह चरम समुदाय (Climax community)कहलाता है।
पारिस्थितिक अनुक्रम दो प्रकार की होती है-प्राथमिक अनुक्रम और द्वितीयक अनुक्रम
प्राथमिक अनुक्रम (Primary succession)
प्राथमिक अनुक्रम (Primary succession) तब शुरू होता है जब कोई नया क्षेत्र जिसमें पहले कभी कोई पारिस्थितिक समुदाय नहीं था, में पादप और जंतुओं का समूहन हो जाता है।यह भूस्खलन या लावा के कारण नवउद् भाषित शैल सतहो पर हो सकता है।अतः प्राथमिक अनुक्रम वहां होता है जहां पहले कोई समुदाय अस्तित्व में नहीं था जैसे की शैलीय दृश्यासन (Rocky outcropping),नए बने डेल्टा, बालूटिब्बे, ज्वालामुखीय दीप और लावा प्रवाह से बना स्थान। प्राथमिक अनुक्रम के विकास को दर्शाने के लिए उदाहरण के रूप में एक मॉडल के तौर पर अनावृत शैलों पर प्रवेश और उपनिवेशन(Colonization)है।
प्राथमिक अनुक्रम पहले लाइकेनो के प्रवेश से आरंभ होता है जो अनावृत शैलों (पत्थरों) पर आकर वहां समूहन कर सकते हैं, यहां लाइकेन एक बार प्रकीर्णन के विभिन्न तरीकों से प्रवेश कर लेते हैं।लाइकेन अनावृत शैलों पर अपने दृढ़ तथा जल की तलाश करने वाले कवकीय घटक के द्वारा आश्रय कर लेते हैं और पहला समुदाय बनाते हैं,जिसे अक्सर बहुत उपयुक्त रूप से अग्रणी समुदाय कहा जाता है। लाइकेन मृदा निर्मित करते हैं,और निर्बल अम्ल उत्पन्न करते हैं जो धीरे-धीरे शैल सतह का क्षय करता है। जैसे-जैसे कार्बनिक उत्पाद और बालू के कण शैलों की सूक्ष्म दरारों में संचित होने लगते हैं,मांस एवं अपेक्षाकृत बड़े पादपों जैसे घासो को भी स्वयं को स्थापित करने का अवसर मिल जाता है और यह नई अस्थायी अवस्था की शुरुआत करते हैं। समय के साथ लाइकेन,जिन्होंने पादप जड़ों का वेधन संभव बनाया था,प्रकाश,जल और खनिजों के लिए अब उनसे प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाते हैं और अपेक्षाकृत बड़े तथा अधिक पोषको की मांग करने वाले पादपों जैसें झाड़ियों और अंत में वृक्षों द्वारा विस्थापित हो जाते हैं।
द्वितीयक अनुक्रम(Secondary succession)
द्वितीयक अनुक्रम(Secondary succession) तब होता है जब किसी क्षेत्र में समुदाय अत्यधिक उद्वेलित हो जाता है जिससे वह नष्ट हो जाता है,इसके फलस्वरूप एक नया समुदाय उस क्षेत्र में प्रवेश कर जाता है।द्वितीयक अनुक्रम प्राथर्मिक अनुक्रम से अधिक सामान्य है और यह अक्सर प्राकृतिक आपदाओं जैसे आग लगने,बाढ़ आने और आंधी तूफान के साथ ही मानवीय हस्तक्षेप जैसे पेड़ों और वनों की कटाई और के कारण होता है।
द्वितीयक अनुक्रम में मूल विशेषताएं प्राथमिक अनुक्रम के समान ही होती है,लेकिन अवस्थाएं अधिक तेजी से बदलती रहती हैं।ऐसा इसलिए हैं क्योंकि मृदा पहले ही बन चुकी होती है और यह उपलब्ध होती है।द्वितीयक अनुक्रम तब होता है जब सतह पूरी तरह से अथवा व्यापक रूप से वनस्पति विहीन हो जाती है और उस पर जीवित जिवो का प्रभाव पहले रहा होता है और उसमें कार्बनिक घटक होते हैं।ऐसे क्षेत्रों में बीज,बीजाणु और पादपों का प्रवर्धन हो जाता है,जैसे कि प्रकन्द भूमि में उपस्थित हो सकता है जिससे वह अनुक्रम को प्रभावित करता है।
निष्कर्ष
दोस्तों आपने इस आर्टिकल के माध्यम से जाना कि पारिस्थितिक अनुक्रम किसे कहते हैं और पारिस्थितिक अनुक्रम के प्रकार के बारे में जाना है। तो दोस्तों आपको यह आर्टिकल कैसा लगा है आप कमेंट करके हमें जरूर बताएं और इस जानकारी को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।
FAQs
Q-पारिस्थितिक अनुक्रम कब होता है।
Ans-पारिस्थितिक अनुक्रम तब होता है जब विभिन्न समुदाय क्रम से एक दूसरे को विस्थापित करते हैं। प्रत्येक समुदाय के लिए आने वाले समुदाय के लिए अनुकूल परिस्थितियां और अपने लिए प्रतिकूल बनाने के पर्यावरण को परिवर्तित करती है यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक कि चरम समुदाय स्थापित नहीं हो जाता है।
Q-पारिस्थितिक अनुक्रम में कौन शामिल होता है।
Ans-पारिस्थितिक अनुक्रम में प्राथमिक और द्वितीयक अनुक्रम शामिल होते हैं।
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