प्राकृतिक वनस्पति किसे कहते हैं,प्रकार और उनकी विशेषताएं, घास स्थल
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे आज के इस नए आर्टिकल में हम जानेंगे कि प्राकृतिक वनस्पति के बारे में जैसा कि प्राकृतिक वनस्पति किसे कहते हैं?आप सभी लोग जानते हैं हमारी पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे, घास स्थल,वन, कटीली झाड़ियां,मरुस्थल,पठार विद्यमान है और हमारी पृथ्वी पर अलग-अलग प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति पाई जाती हैं जिनके प्रकार और विशेषताओं को हम विस्तार से इस लेख के माध्यम से जानेंगे।
प्राकृतिक वनस्पति किसे कहते हैं?
हमारे पृथ्वी पर मौजूद विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे और घास स्थल को हम प्राकृतिक वनस्पति कहते हैं इन सभी के अलावा हमारे पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे मौजूद हैं और विभिन्न प्रकार के वनस्पति आज हम मुख्य रूप से प्राकृतिक वनस्पति के विषय में जानेंगे और उनमें रहने वाले वन्य जीवन के बारे में भी जानेंगे इसी आर्टिकल के माध्यम से।
प्राकृतिक वनस्पति के प्रकार कौन-कौन से हैं?
आमतौर पर प्राकृतिक वनस्पति को मुख्य रूप से तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है।
वन
पृथ्वी का भू-स्थल जो पेड़ पौधों से घिरा हुआ है वन कहलाता है। जो वृक्षों के लिए उपयुक्त तापमान एवं परिपूर्ण वर्षा वाले क्षेत्रों में उगते हैं। इन कारकों के आधार पर संघन एवं खुले वन विकसित होते हैं।
घासस्थल
जो मध्यम वर्षा वाले क्षेत्र में विकसित होते हैं उन्हें घासस्थल कहते हैं।
कांटेदार झाड़ियां
कांटेदार झाड़ एवं झाड़ियां केवल शुष्क क्षेत्रों में ही पैदा होते हैं जहां पर वार्षिक वर्षा 50 सेंटीमीटर से कम होती है।
प्राकृतिक वनस्पतियों के प्रकार में बदलाव का मुख्य कारण जलवायु का बदलाव भी है। हम विश्व के विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक वनस्पतियों उनके गुण एवं वहां प्रवास करने वाले वन्य जीवन की जानकारियों को आगे जानेंगे
वनों के प्रकार
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन क्या है और किसे कहते हैं?
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों को उष्णकटिबंधीय वर्षा वन भी कहते हैं। यह घने वन भूमध्य रेखा एवं उष्णकटिबंधीय के पास पाए जाते हैं। यह क्षेत्र गर्म होते हैं और पूरे वर्ष यहां अत्यधिक वर्षा होती है।
उष्णकटिबंधीय वन का मौसम कभी शुष्क नहीं होता, इसलिए यहां के पेड़ों की पत्तियां पूरी तरह नहीं झड़ती है इसलिए इन्हें सदाबहार वन भी कहते हैं।
काफी घने वृक्षों की मोटी जी तान के कारण दिन के समय भी सूर्य का प्रकाश वन के अंदर तक नहीं पहुंच पाता है आमतौर पर यहां दृढ़ काष्ठ वृक्ष जैसे रोजवुड, आबनूस,महोगनी जैसे वृक्ष इस वन में पाए जाते हैं।
विश्व का सबसे बड़ा सांप एनाकोंडा है जो उष्णकटिबंधीय वर्षा वन में ही पाया जाता है।
उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन किसे कहते हैं?
उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन को मानसूनी वन के नाम से भी जाना जाता है। जो भारत,उत्तरी ऑस्ट्रेलिया एवं मध्य अमेरिका के बड़े भू-भाग में पाए जाते हैं। मानसूनी वन के क्षेत्रों में मौसमी परिवर्तन होते रहते हैं जल को संरक्षित रखने के लिए शुष्क मौसम में यहां के वृक्ष पत्तियां झाड़ देते हैं इन वनों में पाए जाने वाले दृढ़ कास्ट वृक्षों में साल,नीम,सागवान तथा शीशम है।
उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन ओं के बीच फर्नीचर यातायात एवं निर्माण से जुड़ी सामग्री को बनाने के लिए बहुत ही उपयोगी होते हैं इन प्रदेशों में आमतौर पर पाए जाने वाले जानवर हाथी,शेर,बाघ, गोल्डन लंगूर एवं बंदर हैं।
शीतोष्ण सदाबहार वन किसे कहते हैं?
शीतोष्ण सदाबहार वन मध्य अक्षांश के तटीय प्रदेशों में स्थित है यह सामान्यतः महाद्वीपों के पूर्वी किनारों पर पाए जाते हैं जैसे- दक्षिण-पूर्व अमेरिका, दक्षिण चीन एवं दक्षिण-पूर्वी ब्राज़ील। यहां बाज़,चीड़ एवं यूकेलिप्टस जैसे दृढ़ एवं मुलायम दोनों प्रकार के पेड़ पाए जाते हैं।
शीतोष्ण पर्णपाती वन किसे कहते हैं?
उच्च अक्षांश की ओर बढ़ने पर अधिक शीतोषण पर्णपाती वन मिलते हैं या उत्तर पूर्वी अमेरिका चीन न्यूजीलैंड चिल्ली एवं पश्चिमी यूरोप के तटीय प्रदेशों में पाए जाते हैं। यह अपनी पत्तियां शुष्क मौसम में झाड़ देते हैं। शीतोष्ण पर्णपाती वन में पाए जाने वाले पेड़ बांज,ऐश,बीच आदि। इस वन में विभिन्न प्रकार के वन्य जीव पाए जाते हैं जैसे हिरण लोमड़ी भेड़िया यहां के आम जानवर हैं। और इस वन में पक्षी भी पाए जाते हैं जैसे फ्रीजेंट तथा मोनाल पाए जाते हैं।
भूमध्यसागरीय वनस्पति किसे कहते हैं?
भूमध्यसागरीय वृक्ष शुष्क ग्रीष्म ऋतु में स्वयं अपने आप को ढाल लेते हैं उनकी मोटी छाल एवं पत्तियां वाष्पोत्सर्जन को रोकती हैं भूमध्यसागरीय प्रदेश को फलों की कृषि के कारण विश्व का फलोद्यान भी कहते हैं।
महाद्वीपों के पश्चिमी एवं दक्षिण- पश्चिमी किनारे भिन्न है। यहां भूमध्यसागरीय वनस्पति पाई जाती है यह अधिकतर यूरोप, अफ्रीका एवं एशिया के भूमध्य सागर के समीप वाले प्रदेशों में पाई जाती हैं।
इसलिए इसका यह नाम भूमध्यसागरीय वनस्पति पड़ा। यह वनस्पति भूमध्य सागर के बाहरी प्रदेशों जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका के केलिफोर्निया, दक्षिण-पश्चिमी अफ्रीका, दक्षिण- पश्चिमी दक्षिण अमेरिका एवं दक्षिण-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में भी पाई जाती है। इन प्रदेशों में गर्म शुष्क ग्रीष्म एवं वर्षा वाली मृदु शीत ऋतु होती हैं। इन क्षेत्रों में आमतौर पर संतरा,जैतून,अंजीर और अंगूर जैसे निंबू-वंश (सिट्रस) के फल पैदा किए जाते हैं।
शंकुधारी वन किसे कहते हैं?
उत्तरी गोलार्ध के उच्च अक्षांशो मैं भव्य शंकुधारी वन पाए जाते हैं इन्हें ‘टैगा’ भी कहते हैं यह वन अधिक ऊंचाई पर भी पाए जाते हैं इन्हीं वृक्षों को हिमालय में प्रचुर मात्रा में देखा जाता है या लंबे नरम सदाबहार वृक्ष होते हैं।
इन वृक्षों के काष्ठ का उपयोग लुगदी बनाने के लिए किया जाता है जो सामान्य तथा अखबारी कागज बनाने माचिस बनाने आदि में उपयोग किया जाता है।
इस वन में चीड़ देवदार आदि जैसे पेड़ पाए जाते हैं और यहां पर मुख्य रूप से रजत लोमड़ी, मिंक, ध्रुवीय भालू जैसे जानवर पाए जाते हैं।
घास स्थल क्या है घास स्थल के प्रकार
उष्णकटिबंधीय घास स्थल किसे कहते हैं?
यह वन भूमध्य रेखा के किसी भी तरह उग जाते हैं और भूमध्य रेखा के दोनों ओर से उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों तक फैले हैं। यहां वनस्पति निम्न से मध्यम वर्षा वाले क्षेत्रों में पैदा होती हैं। यह घास काफी ऊंची लगभग 3 से 4 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकती हैं। अफ्रीका का सवाना घास स्थल इसी प्रकार का है। यहां पर सामान्य रूप से उष्णकटिबंधीय घास स्थल में हाथी,जेब्रा,जिराफ, हिरण,तेंदुआ आदि जानवर पाए जाते हैं।
शीतोष्ण घास स्थल किसे कहते हैं?
या मध्य अक्षांश क्षेत्रों और महाद्वीपों के भीतरी भागों में प्राय जाते हैं शीतोष्ण घास स्थल के घास आमतौर पर छोटी एवं पौष्टिक होती हैं। शीतोष्ण प्रदेशों में सामान्यतः जंगली भैंस,बाइसन,एंटीलोप पाए जाते हैं।
पूरे विश्व में घास स्थलो को अलग-अलग नाम से जाने जाते हैं।
उष्णकटिबंधीय घास स्थल
पूर्वी अफ्रीका | सवाना |
ब्राजील | कंपोस |
वेनेजुएला | लानोस |
शीतोष्ण कटिबंधीय घास स्थल
दक्षिण अफ्रीका | वेल्डस |
मध्य एशिया | स्टेपी |
ऑस्ट्रेलिया | डान |
उत्तरी अमेरिका | प्रेअरी |
अर्जेटीना | पैम्पस |
कटीली झाड़ियां किसे कहते हैं?
शुष्क रेगिस्तान जैसे प्रदेशो में पाई जाने वाली उष्णकटिबंधीय रेगिस्तान महाद्वीपों के पश्चिमी किनारो पर पाये जाते हैं। तेज गर्मी और बहुत ही कम वर्षा के कारण यहा वनस्पति की कमी रहती है । 50 सेंटीमीटर से भी कम वार्षिक वर्षा होती है भारत का राजस्थान इलाका और विश्व का सहारा मरुस्थल इसी क्षेत्र के अंतर्गत आते है।
टुंड्रा प्रकार की वनस्पति किसे कहते हैं?
यदि आप ध्रुवीय प्रदेशों में जाएंगे तो वह स्थान आपको अत्यधिक ठंडा मिलेगा यहां बहुत ही सीमित प्राकृतिक बस पति मिलती है यहां केवल काई,लाइकेन एवं छोटी झाड़ियां पाई जाती हैं यह अल्पकालिक ग्रीष्म ऋतु के दौरान विकसित होती हैं। इसे टुंड्रा प्रकार की वनस्पति कहा जाता है। यह वनस्पतियां यूरोप,एशिया एवं उत्तरी अमेरिका के धुव्रीय प्रदेशों में पाई जाती है यहां के जानवरों के शरीर पर मोटा फर एवं मोटी चमड़ी होती है जो उन्हें ठंडी जलवायु में सुरक्षित रखते हैं यहां पाए जाने वाले कुछ जानवर हैं सील,वालरस,कस्तूरी-बैल, ध्रुवीय उल्लू,ध्रुवीय भालू और बर्फीली लोमड़ी।