जनरल मोहन सिंह का जीवन परिचय

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जनरल मोहन सिंह का जीवन परिचय

नमस्कार दोस्तों आप सभी लोगों का Hindi-khabri.in में आप सभी लोगों का स्वागत है दोस्तों आज के इस नए आर्टिकल में हम सभी लोग जानने वाले हैं जनरल मोहन सिंह का जीवन परिचय के बारे में जानने वाले हैं इस आर्टिकल में हम लोग जानेंगे तो दोस्तों लिए बिना देर किए हम जनरल मोहन सिंह का जीवन परिचय के बारे में जानते हैं।

जनरल मोहन सिंह का जन्म

जनरल मोहन सिंह का जन्म 3 जनवरी 1909 को हुआ था। जनरल मोहन सिंह भारतीय सेना के अधिकारी एवं भारतीय स्वतंत्रता के महान सेनानी थे।वह द्वितीय विश्व युद्ध के समय में दक्षिण पूर्व एशिया में प्रथम भारतीय राष्ट्रीय सेना संगठित करने और इसका नेतृत्व करने के लिए जाने जाते हैं।भारत के स्वतंत्र होने पर राज्यसभा के सदस्य रहे थे।जनरल मोहन सिंह ने इंडियन नेशनल आर्मी की कमान सुभाष चंद्र बोस जी को सौंप दी ताकि वह भारत की आजादी का सपना को पूरा हो सके।

जनरल मोहन सिंह एक भारतीय सैन्य अधिकारी थे। वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे अहम किरदार भी थे। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दक्षिण पूर्व एशिया में पहली भारतीय राष्ट्रीय सेना के आयोजन और नेतृत्व में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता है। द्वितीय विश्वयुद्ध और जापान संघर्ष के दौरान ज्ञानी प्रीतम सिंह और मेजर फुजीहारा(जापानी अधिकारी) ने मोहन सिंह से भारतीय सेना बनाने का अनुरोध किया।जनरल मोहन सिंह का जीवन परिचय

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान बने युद्धबंदी

द्वितीय विश्वयुद्ध के आरंभ में मोहन सिंह बर्मा में लड़ रही ब्रिटिश भारतीय सेना की पंजाब बटालियन के कप्तान थे। जीतरा में वे हार गए और जापानी फौज ने उन्हें हिरासत में ले लिया। जापान के जनरल फुजीहरा को इस बात की हैरत हुई कि अंग्रेजो की तरफ से युद्ध में शौर्य और पराक्रम दिखाने वाले लोग भारतीय थे जिन्हें अंग्रेजों ने अपना गुलाम बना कर रखा हुआ था।जापान के जनरल ने मोहन सिंह की मुलाकात गदर पार्टी के संचालक से करवाई।उन्होंने मोहन सिंह को सारी स्थिति के बारे में समझाएं।

मोहन सिंह को सारी बात समझ में आई,और उनकी आंखों पर चढ़ा हुआ चश्मा उतर गया। विद्रोह की भावना मोहन सिंह के मन में आ गई। नतीजा यह हुआ कि अब तक अंग्रेजों की तरफ से लड़ने वाले मोहन सिंह ने उनके खिलाफ संघर्ष का झंडा बुलंद करते हुए भारतीय युद्धबंदियों की एक सेना बनाने का निश्चय किया जिसका नाम इंडियन नेशनल आर्मी रखा गया। फुजीहारा ने लगभग 40,000 भारतीय सैनिकों को मोहन सिंह को सौंप दिया। पहले तो इसमें जापान द्वारा युद्ध बंदी बना लिए भारतीय सैनिकों को ही ले लिया गया था,बाद में इसमें बर्मा और मलाया में स्थित भारतीय स्वयंसेवक भी भर्ती हो गए थे इस तरह भारतीय राष्ट्रीय सेना की आधारशिला रखी गई और इसे भविष्य में ‘आजाद हिंद फौज’ कहां गया और नेताजी को सौंप दिया गया।

इसीलिए मोहन सिंह का नाम उन स्वतंत्रता सेनानियों की श्रेणी में जरूर आना चाहिए जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना योगदान दिया।यह देश के लिए प्यार ही है कि देश के नाम पर कोई देशभक्त के जज्बातों से नहीं खेल सकता,वे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है

मृत्यु

जनरल मोहन सिंह भारतीय सेना के अधिकारी एवं भारतीय स्वतंत्रता के महान सेनानी थे। जनरल मोहन सिंह का मृत्यु 26 दिसंबर 1989 को हुआ था।

निष्कर्ष

दोस्तों हम आपसे यह उम्मीद करते हैं कि आप सभी लोगों को जनरल मोहन सिंह का जीवन परिचय के बारे में समझ आ गया होगा।यदि आप सभी लोगों को जनरल मोहन सिंह का जीवन परिचय इससे जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप सभी लोग हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।यदि आप सभी लोगों को यह पोस्ट हमारी अच्छी लगी हो तो इस जानकारी को आगे शेयर जरूर करें।

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