काल किसे कहते हैं?काल के भेद और परिभाषा।Kaal Kise Kahate Hain
नमस्कार दोस्तों आप सभी का स्वागत है Hindi-khabri.in में दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि काल किसे कहते हैं?काल के भेद और परिभाषा के बारे में इस आर्टिकल में हम जानेंगे तो दोस्तों लिए बिना देर किए हम आज के अपने इस आर्टिकल काल किसे कहते हैं?के बारे में जानते हैं।
काल किसे कहते हैं?
क्रिया के जिस रुप से किसी कार्य के होने अथवा करने के समय का बोध होता है उसे काल कहते हैं। अर्थात व्याकरण में क्रिया के जिस रुप से कार्य होने के समय का पता चलता है उसे काल कहते हैं;
जैसे-सीता गाना गाती है।
अध्यापक जी पढ़ा रहे थे।
श्याम पुस्तक पड़ेगा।
इन सभी उदाहरण पढ़ने से यह पता चल जा रहा है कि कार्य कब होगा ताकि सकते हैं कि किया के जिस रुप से पता चल जाए कि कार्य कब होगा याद कार्य हो गया है अथवा कार्य अभी हो रहा है तो इसे कॉल कहते हैं-
काल के भेद।Kaal Ke Bhed
क्रिया के आधार पर काल के तीन भेद-वर्तमान काल,भूतकाल और भविष्य काल में बांटा गया है।
वर्तमान काल-Present Tense In Hindi
परिभाषा:-क्रिया के जिस रुप से कार्य के वर्तमान में अर्थात तुरंत चल रहे समय में होने का बोध हो उसे वर्तमान काल कहते हैं; जैसे-
मनीष जाता है।
इन सभी वाक्यों में जाता है,जा रहा है,जाता होगा से तुरंत हो रहे कार्यों का पता चलता है तो यहां वर्तमान काल है।
वर्तमान काल के तीन भेद होते हैं-
सामान्य वर्तमान काल-
क्रिया के जिस रुप से कार्य के वर्तमान समय में होने का सामान्यता बोध होता है ऐसी क्रियाओं को सामान्य वर्तमान काल कहते हैं;जैसे-
गीता गाना गाती है।
मनीष पत्र पढता है।
वह प्रतिदिन मंदिर जाता है।
अपूर्ण वर्तमान काल-
क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि कार्य प्रारंभ होने के पहले खत्म नहीं हुआ है अभी कार्य जारी है तो वहां पूर्ण वर्तमान काल होता है ऐसी वाक्य के अंत में रहा हूं रहा है,रही है रहे हैं आदि शब्द आते हैं;जैसे-
श्यामा खाना खा रही है।
मैं यूट्यूब पर वीडियो देख रहा हूं।
पवन घर जा रहा है।
इन सभी उदाहरणों से पता चल रहा है कि कार्य शुरू हो गया है और अभी भी चल रहा है कार्य खत्म नहीं हुआ है। अतः यहां अपूर्ण वर्तमान काल है।
संदिग्ध वर्तमान काल
क्रिया के जिस रुप से यह पता चले कि कार्य प्रारंभ तो हो गया है लेकिन जारी रहने में संदेह है तो ऐसी क्रियाओं को संदिग्ध वर्तमान काल कहते हैं;जैसे-
रितेश बाजार जाता होगा।
गीता रामायण पढ़ती होगी।
सीमा खाना बनाती होगी।
इन सभी उदाहरणों से यह पता चलता है कि कार्य वर्तमान में तो चल रहा है किंतु होने में संदेह है, अतः यहां संदिग्ध वर्तमान काल है।
भूतकाल काल
परिभाषा:-क्रिया के जिस रुप से पता चले कि काम बीते समय में पूरा हो गया है,तो उसे भूतकाल कहा जाता है।अर्थात जब किसी बीते समय की बात हो तो वहां भूतकाल होता है;जैसे-
राम ने रावण को मारा था।
हनुमान ने लंका को जलाया था।
वह गाना गा रही थी।
कुणाल के मामा जी आए हुए थे।
रितेश के मामा जी आए हुए थे।
इन सभी उदाहरणों में वाक्यों की क्रियाओं के रूप से पता चल रहा है कि काम बीते समय में हुआ है। इसलिए यहां भूतकाल है।
भूतकाल के 6 भेद होते हैं-
1 सामान्य भूतकाल
क्रिया के जिस रुप से हमें यह पता चलेगी कार्य बीते समय में सामान्य रूप से पूरा हो गया है तो उसे सामान्य भूतकाल कहते हैं जैसे-
उसने पत्र लिखा।
रामू ने मिठाई खाई।
मैंने पुस्तक पढ़ी।
इन वाक्यों की क्रियाओं से पता चल रहा है कि काम बीते समय में बहुत पहले पूरा हो गया था। अतः यहां सामान्य भूतकाल है।
2 आसन्न भूतकाल
क्रिया के जिस रुप से हमें यह ज्ञात हो कि कार्य अभी अभी खत्म हुआ है उसे आसन्न भूतकाल कहते हैं;जैसे-
मनीष सो गया।
सीमा ने खाना खाया है।
बछड़े ने दूध पिया है।
वह आया है।
इन वाक्यों की क्रियाओं से पता चल रहा है कि काम के होने का समय बहुत पास आ रहा है अर्थात कार्य अभी-अभी समाप्त हुआ है। अतः यहां आसन्न भूतकाल है।
3 अपूर्ण भूतकाल
क्रिया के जिस रुप से कार्य का भूतकाल में होना जाए लेकिन पूर्ण होने का बोध ना हो उसे अपूर्ण भूतकाल कहते हैं; जैसे-
विशाल नाटक देख रहा था।
सिपाही चोर के पीछे दौड़ रहा था।
शिक्षिका जी पढ़ा रहे थे।
गाय अपने बच्चे को दूध पिला रही थी।
4 पूर्ण भूतकाल
क्रिया के जिस रुप से पता चले कि काम बहुत पहले पूरा हो चुका था उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं जैसे-
उसने कविता लिखी थी।
मनीष ने पत्र पढ़ लिया था।
गाड़ी जा चुकी थी।
मनीष जग गया था।
मैंने उसको वहां देखा था।
5 संदिग्ध भूतकाल
क्रिया के जिस रुप से हमें यह पता चले कि काम के भूतकाल में करने या होने में संदेह हो उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं:जैसे-
अभय ने खाना खा लिया होगा।
उसने खाना खाया होगा।
पिता जी बाजार गए होंगे।
वे लोग आ चुके होंगे।
आशीष बाजार जा चुका होगा।
6 हेतु-हेतुमघ भूतकाल
क्रिया के जिस रुप से हमें यह पता चले कि कार्य के भूतकाल में होने या किए जाने में सर्त पाई जाए, उसे हेतु-हेतुमघ भूतकाल कहते हैं,जैसे-
वर्षा होती तो फसल ना सूखती।
पापा जी आते तो मैं उनके साथ मेला देखने चला जाता।
यदि वह परिश्रम करता तो पास हो जाता।
भविष्य काल
परिभाषा:-क्रिया के जिस रुप से हमें किसी कार्य का आने वाले समय में होने का बोध हो उसे भविष्य काल कहते हैं;जैसे-
मैं खाना खाऊंगा।
वह बाजार जाएगा।
कल वर्षा नहीं होगी।
आज मैं घर नहीं आऊंगा।
इन सभी उदाहरणों से यह बात स्पष्ट हो रही है कि कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है आने वाले समय में पूरा होगा।अतः इसे भविष्य काल कहते हैं।
भविष्य काल के दो भेद होते हैं।
सामान्य भविष्यत
क्रिया के जिस रुप से कार्य सामान्य रूप से भविष्य काल में पूरा हो उसे सामान्य भविष्यत काल कहते हैं;जैसे-
रितेश और मुकेश विद्यालय जाएंगे।
मनीष पुस्तक पढेगा।
तुम आज गीत गाओगे।
इन सभी उदाहरणों से यह स्पष्ट हो रहा है कि कार्य भविष्य काल में सामान्य रूप से पूरा होगा यहां सामान्य भविष्यत काल है।
संभाव्य भविष्यत्
क्रिया के जिस रुप से कार्य के संपन्न होने में संदेह की स्थिति हो अथवा उस कार्य के होने की संभावना हो, तो उसे संभाव्य भविष्यत् काल कहते हैं; जैसे-
आप मुझे क्षमा करें।
कदाचित कल बारिश होगी।
भगवान उसे समृद्धि दे।
शायद योगेश कल आये।
निष्कर्ष
दोस्तों हम आपसे यह उम्मीद करते हैं कि आप सभी लोगों को काल किसे कहते हैं?काल के भेद और परिभाषा के बारे में समझ आ गया होगा। यदि आप सभी लोगों को इससे जुड़ा कोई भी सवाल है तो आप सभी लोग हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। यदि आप सभी लोगों को यह पोस्ट हमारी अच्छी लगी हो तो इस जानकारी को आगे शेयर जरूर करें।