मात्रा किसे कहते हैं?परिभाषाऔर उदाहरण
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका Hindi-khabri in में। दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि मात्रा किसे कहते हैं?परिभाषा और उदाहरण के बारे में हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे तो दोस्तों आइए हम बिना देर किए जानते हैं की मात्रा किसे कहते हैं-किसी भी भाषा को समझने या सीखने के लिए हमें जरूरी होता है कि पहले हम मात्रा को समझे क्योंकी मात्रा के बिना कोई संपूर्ण शब्द या वाक्य नहीं बन सकता |
इसलिए आज हम जानेंगे की मात्रा किसे कहते हैं –
मात्रा किसे कहते हैं?
जैसे की हम सभी जानते हैं कि भाषा की सबसे छोटी इकाई को वर्ण कहते हैं और जब किसी वर्ण के उच्चारण में जो समय लगता है उसे ही मात्रा कहते हैं | हम जब भी कोई वर्ण बोलते हैं तो वर्ण के बोलने के बाद भी हम उसके उच्चारण में कुछ समय लेते हैं और जो बाद में समय लगता है उसे ही मात्रा कहते हैं | जैसे की :- क + ा = का ( जैसे यहां पर का का उच्चारण करने मे क के बाद का लगा समय मात्रा है।
मात्रा की परिभाषा?
जब स्वर और व्यंजन से मिलते है तो उनका पूरी तरह से स्वरूप बदल जाता है, इस बदले हुए स्वरूप को ही मात्रा कहा जाता है ।
मात्रा स्वर का ही रुप होता है एवं स्वरो के बिना व्यंजनों को नही बोला जा सकता है | हम आप को बता दे की स्वरो की संख्या केवल 11 ही मानी गयी है , परन्तु मात्राएँ सिर्फ 10 स्वर की ही होती है , अ अक्षर की कोई भी मात्रा नही होती है |
हम आप को बता दे की स्वर एवंं व्यंजन को ही मिलाकर शब्दो का निर्माण किया जाता है। अगर स्वर नही होता तो हम हिन्दी बोल और लिख नही सकते है इसलिए हमे पहले स्वर आना जरूरी है तभी हम हिन्दी बोल और लिख सकते है | एक बार और बता दे की स्वरो की संख्या केवल 11 ही मानी गयी है , परन्तु मात्राएँ सिर्फ 10 स्वर की ही होती है,अ अक्षर की कोई भी मात्रा नही होती है | शब्दों एवं वाक्यों को लिखने के लिए मात्रा की जरूरत होती है क्योंकि ये एक अर्थात्मक वाक्य शब्द का निर्माण करते हैं |
मात्रा के उदाहरण
स्वर | मात्रा | उदाहरण |
अ | कोई मात्रा नहीं | कोई मात्रा नहीं |
आ | ा | का |
इ | ि | कि |
ई | ी | की |
उ | ु | कु |
FAQ
Q-मात्राओं से आप क्या समझते हैं?
Ans-जैसा की हम सभी जानते हैं की, भाषा की सबसे छोटी इकाई को वर्ण कहते हैं और किसी वर्ण के उच्चारण में जो समय लगता है, उसे मात्रा कहते हैं। हम जब भी कोई वर्ण बोलते हैं तो वर्ण के बोलने के बाद भी हम उसके उच्चारण में कुछ समय लेते हैं और जो बाद में समय लगता है वही मात्रा होता है।
Q-मात्राओं की गणना कैसे की जाती है?
Ans-संक्षेप में मात्रा गणना के सूत्र:
1मात्रा केवल स्वर की गिनी जाती है।
2बिना स्वर के कोई उच्चारण नहीं होता अतः जो भी अक्षर देखें उसमेँ लगे हुए स्वर पर दृष्टि डालें।
3स्वर यदि लघु है तो मात्रा लघु होगी अर्थात् 1 और यदि दीर्घ है तो 2।
4हिन्दी में प्लुत (3) नहीं है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने हिंदी की सभी मात्राएँ (Matra in Hindi) के बारे में आपसे जानकारी शेयर की है, जिसमें हमने मात्रा किसे कहते है, मात्रा की परिभाषा और प्रकार क्या है? उसके बारे में विस्तार से बताया है। मात्रा के सम्बंधित आपको माहिति पसंद आई हो तो उसे आगे शेयर जरुर करें। आर्टिकल के प्रति कोई भी सुझाव हो तो हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं।
इसे भी पढ़े:-सीटीबीसी बैंक से पर्सनल लोन कैसे लें?